नई दिल्ली. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले चार-पांच दिन में केरल पहुंच जाएगा. मौसम विभाग ने गुरुवार को मॉनसून के दूसरे चरण का पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि हवा का प्रवाह अब तक अनुकूल नहीं होने के कारण इस साल मॉनसून में देरी हुई है, लेकिन अब प्रवाह अनुकूल बनता दिख रहा है और अगले चार-पांच दिन में मॉनसून के केरल के तट पर आने की उम्मीद है.
आम तौर पर केरल में मानसून 1 जून को आ जाता है. भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एलएस राठौर ने दूसरे चरण का पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि इस बार ला-नीना प्रभाव के कारण मॉनसून के दौरान बारिश दीर्घावधि औसत से अधिक होगी. इसके औसत का 106 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उत्तर-पूर्व में बारिश औसत से कम (94 प्रतिशत) होगी. उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में यह औसत से अधिक (108 प्रतिशत) रहेगी. वहीं, दक्षिणी प्रायद्वीप तथा मध्य भारत में इस बार अतिवृष्टि (113 प्रतिशत) होगी.
उन्होंने बताया कि एक बार केरल तट पर आने के बाद मॉनसून तेज़ई से आगे बढ़ेगा. केंद्रीय तथा पूर्वी भारत में इसके समय से पहले पहुंचने की उम्मीद है. जुलाई में देश भर में मॉनसूनी बारिश दीर्घावधि औसत का 107 प्रतिशत और अगस्त में 104 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि पिछले साल दिसंबर के बाद से प्रशांत महासागर में अल-नीनो प्रभाव कमजोर पड़ने लगा था. अब यह पूरी तरह ख़त्म हो चुका है.
वहीं, मानसून के दौरान बाद में ला-नीना प्रभाव जोर पकड़ेगा. इससे ज्यादा बारिश होगी. अल-नीनो के कारण पिछले दो साल के दौरान मॉनसून में औसत से कम बारिश हुई है. साल1901 से 2015 तक कुल 24 बार मॉनसून के दौरान ला-नीना प्रभाव रहा है.
इसमें 16 साल सामान्य से अधिक तथा सात साल सामान्य बारिश हुई है. सिर्फ एक साल ऐसा रहा जब ला-नीना के बावजूद बारिश सामान्य से कम हुई है. पिछले 10 साल के दौरान 2007 और 2010 में ला-नीना प्रभाव था और दोनों वर्ष क्रमश: 105.7 प्रतिशत तथा 102 प्रतिशत बारिश हुई थी.केरल समेत लगभग पूरे भारत में मानसून पूर्व बारिश शुरू हो गई है. दक्षिण बंगाल की खाड़ी तथा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में अगले 48 घंटे में मॉनसूनी बारिश शुरू हो जाएगी.
इससे पहले 12 मई को जारी पहले चरण के पूर्वानुमान में कहा गया था कि मॉनसून 7 जून को केरल पहुंचेगा, लेकिन पूर्वानुमान में चार दिन की रियायत रखी गई थी. उस समय भी मॉनसूनी बारिश के दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत ही रहने का अनुमान जाहिर किया गया था. मॉनसून के आने से गर्मी से राहत मिल सकेगी.