नई दिल्ली. अच्छा नाश्ता जिसमें कारबोहाईड्रेट एवं लीन प्रोटीन हो वह दिनभर की भूख को कम कर देता है जिससे काफी वजन में कमी हो सकती है।
निया कोमलवेल्थ युनिवरसिटी के क्लीनिकल प्रोफेसर डा. डेनिएला जाकुबुविस्ज़ एवं वेनुज़ियोला के होस्पिटल डी क्लीनिकास कारकास के एन्ड्रोक्रोनोलोजिस्ट के अध्ययन से पता चला कि वह महिलाएं जो 'बिग ब्रेक्फास्ट' डाईट लेती है वह पाँच गुना वज़न कम कर सकती है बजाए उनके जो रिस्ट्रिकटिव लो केलोरी डाईट लेती है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ मोटे लोगों का इलाज करते समय उनके खाने की इच्छा को कम करना पड़ेगा। सुबह के समय उठने पर हमारा शरीर लेबल और एडरीनेलाईन ऊपर चला जाता है जो खाने को खोजता है। मेटाबौलीजम उपर चला जाता है और कोरटीसौल हमारे दिमाग को उसी समय ताकत की आवश्यकता होती है, और यदि हम नहीं खाएंगे लेबल और एडरीबेलाईन अपनी ऊंचाई पर होता है या कम खायेगे तो दिमाग इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कही और ढूंढता है। इसको करने के लिए वह एक 'एम्रजेनसी सिस्टम' का प्रयोग करता है और एर्नजी को मासपेशीयो से खीचता है। जिससे टीशु नष्ट हो जाते है।
उसके बाद जब हम बाद मे खाते है तो हमारा शरीर और दिमाग 'हाई एलर्ट मोड पर होता है, जिससे शरीर खाने मे से एर्नजी फैट के रूप में इकढ्ठा कर लेता है।
सुबह के समय 'ब्रेन केमिकल सिरोटोनिन लेवल' ज्यादा होते हैं और खाने की इच्छा सबसे कम होती है। जैसे-जैसे दिन बीतता है सेरोटोनिन लेवल कम होने लगता है और चाकलेट और बिस्कुट खाने की इच्छा बढ़ती है यदि आप यह चीजें खाने लगते है तो आपका सिरोटोनिन लेवल बढ़ने लगता है और आपके शरीर को अच्छा लगने लगता है जो एक आदत पैदा करता है और एक क्रम (cycle) बनने लगता है।
हाईप्रोटीन और क्रोबोहाईडेड नाश्ते में लेने से शरीर में ताकत आती है जिसकी उसको सुबह बहुत जरूरत होती है। बाकी के सारा दिन हमारे अहार में प्रोटीन और कौमपलेकेस (complex) काब्रोहाईडे्रड होते है जैसे सब्जियों में क्योंकी प्रोटीन धीरे-धीरे हजम होता है इसलिए भूख नहीं लगती यदि आप चाकलेट खाना चाहते है तो उसे सुबह के समय खाएँ जब सेरौटोनीन उपर होते है तो वह इतना स्वादिष्ट नहीं लगता जिससे दिमाग को उतनी ही सेरोटोनीन की तृप्ती उतनी नही मिलती जिससे वह इसे खाने की इच्छा को कम कर देता है।