सर्दी का महीना सबसे ज्यादा शराब सेवन वाला होता है. सीमित मात्रा में शराब लेने को समझना बेहद जरूरी है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ स्वस्थ मध्यम उम्र की महिलाएं एक दिन में दो ड्रिंक ले सकती हैं, जिसमें उनकी दिल की धड़कन के असामान्य होने का खतरा नहीं रहता, इसे एट्रियल फाइब्रिलेषन कहते हैं, लेकिन तीन ड्रिंक से ज्यादा लेने से यह खतरा बढ़ जाता है. एट्रियल फाइब्रिलेशन आज की एक आम बीमारी है. यह बीमारी 80 साल तक की उम्र वालों में करीब एक फीसद में पाई जाती है, उनमें कई महत्वपूर्ण लक्षण दिखाई देते हैं. एट्रियल फाइब्रिलेशन जो कि हार्ट के दो ऊपरी चैंबर होते हैं और इससे धड़कन असामान्य हो जाती है और यह सामान्य से तेज धड़कने लगता है. रक्त एट्रिया में जमा हो सकता है जिसकी वजह से थक्का बन सकता है और यह मस्तिष्क में आर्टरी के ब्लॉक होने पर स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
बहुत ज्यादा शराब के सेवन से एट्रियल फाइब्रिलेशन के गड़बड़ाने का खतरा बढ़ जाता है. हार्वर्ड के अध्यन में जिसमें 35,000 महिलाओं को शामिल किया गया जो 45 से अधिक उम्र की थीं, इन सभी में अध्ययन की शुरुआत में किसी में भी एट्रियल फाइब्रिलेशन की समस्या नहीं थी. 12.4 सालों तक किये गए अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने औसतन रोजाना एक ड्रिंक या इससे कम ली, उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा 1.9 फीसद बनिस्बत उनके जिन्होंने रोजाना एक से दो ड्रिंक लिया उनमें यह खतरा 1. 8 फीसद दर्ज किया गया, और यही खतरा जिन्होंने रोजाना दो से तीन ड्रिंक लिये उनमें 2.9 फीसदी पाया गया. जो एक दिन में तीन ड्रिंक लेते हैं, उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा 40 से 50 फीसद बढ़ जाता है. एक दिन में छह से अधिक ड्रिंक लेने पर अकस्मात मौत भी हो सकती है. एक घंटे के अंदर पांच से अधिक ड्रिंक लेने पर अचानक मौत या हार्ट अटैक हो सकता है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ स्वस्थ मध्यम उम्र की महिलाएं एक दिन में दो ड्रिंक ले सकती हैं, जिसमें उनकी दिल की धड़कन के असामान्य होने का खतरा नहीं रहता, इसे एट्रियल फाइब्रिलेषन कहते हैं, लेकिन तीन ड्रिंक से ज्यादा लेने से यह खतरा बढ़ जाता है. एट्रियल फाइब्रिलेशन आज की एक आम बीमारी है. यह बीमारी 80 साल तक की उम्र वालों में करीब एक फीसद में पाई जाती है, उनमें कई महत्वपूर्ण लक्षण दिखाई देते हैं. एट्रियल फाइब्रिलेशन जो कि हार्ट के दो ऊपरी चैंबर होते हैं और इससे धड़कन असामान्य हो जाती है और यह सामान्य से तेज धड़कने लगता है. रक्त एट्रिया में जमा हो सकता है जिसकी वजह से थक्का बन सकता है और यह मस्तिष्क में आर्टरी के ब्लॉक होने पर स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
बहुत ज्यादा शराब के सेवन से एट्रियल फाइब्रिलेशन के गड़बड़ाने का खतरा बढ़ जाता है. हार्वर्ड के अध्यन में जिसमें 35,000 महिलाओं को शामिल किया गया जो 45 से अधिक उम्र की थीं, इन सभी में अध्ययन की शुरुआत में किसी में भी एट्रियल फाइब्रिलेशन की समस्या नहीं थी. 12.4 सालों तक किये गए अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने औसतन रोजाना एक ड्रिंक या इससे कम ली, उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा 1.9 फीसद बनिस्बत उनके जिन्होंने रोजाना एक से दो ड्रिंक लिया उनमें यह खतरा 1. 8 फीसद दर्ज किया गया, और यही खतरा जिन्होंने रोजाना दो से तीन ड्रिंक लिये उनमें 2.9 फीसदी पाया गया. जो एक दिन में तीन ड्रिंक लेते हैं, उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा 40 से 50 फीसद बढ़ जाता है. एक दिन में छह से अधिक ड्रिंक लेने पर अकस्मात मौत भी हो सकती है. एक घंटे के अंदर पांच से अधिक ड्रिंक लेने पर अचानक मौत या हार्ट अटैक हो सकता है.