रुड़की (उत्तराखंड). कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज उत्तराखंड में रुड़की और नई टिहरी में दो जनसभाओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह शहर आईआईटी रुड़की का शहर है, जहां कल का भारत बनाने वाले आज शिक्षा पा रहे है. उत्तराखंड आकर सबको ही यह लगता होगा कि यहां के रहने वाले प्रकृति के बड़े चहेते और लाड़ले है, क्योंकि धरती तो सभी जगह सुंदर है. लेकिन उत्तराखंड की प्रकृति जितनी सुंदर है, उसका बखान शब्दों में मुश्किल है. मगर यह कहते हुए दुख होता है कि जहां प्रकृति ने उत्तराखंड पर दिल खोल कर अपना ख़ज़ाना लुटाया था, वहीं कुछ लोग प्रकृति के इस ख़ज़ाने को दोनों हाथों से लूट रहे हैं, बर्बाद कर रहे हैं और यह सब प्रकृति के नाम पर हो रहा है. प्रगति का विरोध तो कोई नहीं करेगा. अगर प्रगति का मतलब है लोगों के पास रोटी और रोज़गार हो. राज्य में सड़कें हों, बिजली हो, हर बच्चे को स्कूल और अच्छी शिक्षा मिल सके. हर परिवार को इलाज की सहूलियत हो, हर एक को अपना अधिकार मिल सके. किसान हो, दलित हो, पिछड़ा हो, अल्पसंख्यक हो, महिलाएं हों, अल्पसंख्यक हो हर किसी को पूरी इज्ज़त के साथ उसका हक़ मिले, लेकिन अगर प्रगति का मतलब कोई यह निकालें कि उत्तराखंड की ज़मीन, मिट्टी, पानी और पहाड़ियां प्रगति के नाम पर ग़ैर ज़रूरी लोगों को मामूली दाम पर बेच दी जाएं, या फिर ठेके पर दे दी जाएं तो यह प्रगति नहीं है. उत्तराखंड के साथ सिर्फ़ धोखा हुआ है और मुझे कहने की ज़रूरत नहीं है. आप सब अच्छी तरह जानते हो कि पिछले कई वर्षों से यह धोखा उत्तराखंड के लोगों को दिया जा रहा है. इस लूट और बेईमानी को तरह-तरह के झूठ से छिपाने की कोशिश भी की जा रही है. मगर आप सबने देखा, इस लूट के पैर इतने लंबे हो गए हैं कि राज्य सरकार की झूठ की चादर भी छोटी पड़ गई है. जब बेईमानी के पैर झूठ की चादर से पूरी तरह बाहर आ गए हैं, और उस समय के मुख्यमंत्री के चेहरे पर लगा ईमानदारी का मुखौटा भी कुंभ के मेले में खो गया. तभी यहां की सत्ताधारी पार्टी ने अपनी करतूत नहीं बदली, सिर्फ़ मुख्यमंत्री बदलकर आपको धोखा देने की नाकाम कोशिश की कि अब हम बदल गए हैं. मगर सच यह है कि कुछ नहीं बदला, न लूट, न बेईमानी. एक तरह यहां केंद्र ने जो कुछ मनरेगा के अंतर्गत भेजा था, वो सिर्फ़ दस प्रतिशत लोगों तक पहुंचा. राज्य सरकार की लापरवाही की हद यह है कि लोगों के रोज़गार के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पैसे का केवल चालीस प्रतिशत ही उपयोग हुआ है, और यहां के नौजवान बेरोज़गार घूम रहे हैं. समझने वाली बात यह है कि उत्तराखंड के परिवारों की रक्षा करनी है. यहां कि नदियों, झरनों, पहाड़ियों और लूट-खसोट से बचाना है. अगर आम आदमी के जीवन में ख़ुशहाली और सहूलियतें लानी हैं. अगर उत्तराखंड के हर नागरिक, हर महिला, हर पुरुष, हर बच्चे को, हर बड़े को, उनका अधिकार, उनका गौरव, उनका उत्तराखंड वापस दिलाना है, तो मुख्यमंत्री को बदलनें से काम नहीं चलेगा. आपको उत्तराखंड की सरकार बदलनी होगी. आपको अगर उत्तराखंड पर छाए हुए, ख़तरे के ये बादल हटाने हैं तो भाजपा को ही हटाना होगा. यह काम आप अपने वोट द्वारा कर सकते हैं. और मुझे विश्वास है कि आप वही करेंगे. कांग्रेस को भारी बहुमत देंगे. बहनों और भाइयों हमारी केंद्र सरकार ने समाज के सभी वर्गों के हित में बहुत काम किया है और कर रही है. ख़ासकर दलित, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के उत्थान के लिए तमाम योजनाएं और कार्यक्रम बनाए और उन्हें लागू किया है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, जिससे हर गांव और हर घर को बिजली मिलनी चाहिए, मिलती है. जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण के माध्यम से आवास. सड़क, पानी जैसी बुनियादी ज़रूरतें पूरी होती हैं. ग्रामीण स्वास्थ्य योजना द्वारा लोगों को गांव में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्कूलों के बच्चों को दोपहर का भोजन, 14 साल तक के बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा का अधिकार, अल्पसंख्यक बच्चों ख़ासकर लड़कियों के लिए वज़ीफ़ा, अल्पसंख्यकों के लिए अलग से मंत्रालय और सच्चर कमीशन की सिफ़ारिशों पर अमल, महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन, कम ब्याज़ पर क़र्ज़ जैसी कुछ मिसालें हैं. यहां की सरकारें जनता के प्रति जागरूक नहीं हैं. देश में जहां-जहां सरकारें जनता के प्रति जागरूक हैं. वहां के भाई-बहनों को उनका फ़ायदा ख़ूब मिल रहा है. उनकी ज़िन्दगी में ख़ुशहाली आ रही है, लेकिन उत्तराखंड की सरकार की उदासीनता के कारण आप सबको इनका फ़ायदा नहीं मिला. हमने उत्तराखंड के विकास का हमेशा ख़ास ध्यान रखा है. आज उत्तराखंड में जो कुछ दिखाई दे रहा है, सब कांग्रेस की सरकारों ने ही दिया है. आईआईटी, आईआईएम, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, होटल मैनेजमेंट जैसे संस्थान, ऋषिकेश में एम्स का निर्माण, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का शिलान्यास, जैसी कुछ मिसालें हैं. वैसे हमें आपकी समस्याओं का पता है, इसलिए कांग्रेस के घोषणा पत्र में, जो भी कुछ है और आपकी तरक्क़ी के लिए बहुत है. लेकिन उसके कुछ मुद्दों को मैं आपके सामने रखना चाहती हूं. उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने पर मैदानी इलाक़ों में गन्ने के कोल्हू लगाने पर लाइसेंस ख़त्म किया जाएगा. किसानों को गन्ने के दाम के तुरंत भुगतान की व्यवस्था भी की जाएगी. प्रदेश में अल्पसंख्यक मंत्रालय तथा उर्दू, फ़ारसी बोर्ड का गठन किया जाएगा. मदरसों में सरकारी ख़र्च पर छात्रों को कंप्यूटर की पढ़ाई कराई जाएगी और छात्रों को आईआईटी, पॉलिटेक्निक और तकनीकि संस्थानों में मुफ्त ट्रेंनिग दी जाएगी. हरिद्वार, हेमकुंड और कलियर शरीफ़ मेले को राज्यस्तरीय मेले की मान्यता दी जाएगी. हम इसी तरह के काम सभी के लिए हर वर्ग के लिए ख़ासकर किसानों के लिए और आगे बढ़ाने चाहते हैं, जिससे आपके इस ख़ूबसूरत प्रदेश के विकास के साथ-साथ आपके जीवन में भी उत्थान हो, ख़ुशहाली आए और देश के दूसरे राज्यों के साथ क़दम से क़दम मिलाकर उन्नति करें, इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि चुनाव के दिन अपना एक-एक वोट कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को देकर उन्हें भारी बहुमत से जिताएं, और उत्तराखंड के विकास, उत्तराखंड की ख़ुशहाली में अपनी भूमिका निभाएं और इन्हीं शब्दों के साथ मैं आप सब को दूर-दूर से इस सभा में आने के लिए धन्यवाद देती हूं. धन्यवाद जयहिंद.
सूफ़ियाना बसंत पंचमी...
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*फ़िरदौस ख़ान*
सूफ़ियों के लिए बंसत पंचमी का दिन बहुत ख़ास होता है... हमारे पीर की ख़ानकाह
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