फ़िरदौस ख़ान
दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साफ़ कर दिया कि कांग्रेस विपक्ष के किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगी, बल्की मुंहतोड़ जबाव देंगी. रामलीला मैदान में उमड़े जनसैलाब को देखकर वह काफ़ी ख़ुश नज़र आ रही थीं. अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने पार्टी समर्थकों का आभार प्रकट करते हुए की.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी, शीला दीक्षित जी, जेपी अग्रवाल जी, जर्र्नादन द्विवेदी जी, मोतीलाल वोहरा जी, अहमद पटेल जी, राहुल जी. सभी उपस्थित नेता गण, कांग्रेस जन, इस हार्दिक स्वागत के लिए मैं आपको धन्यवाद देती हूं. आज आप सभी को इस रामलीला मैदान में देखकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है. आप सभी यहां देश के विभिन्न राज्यों से यहां भारी संख्या में पधारे हैं. मैं तहे-दिल से आपका स्वागत करती हूं. इतनी बढ़ी संख्या में आप सभी को देखकर सिर्फ़ ख़ुशी ही नहीं, हौसला और नई उर्जा भी मिलती है. जैसा कि आप सभी जानते हैं कांग्रेस पार्टी हमेशा से ग़रीबों, कमज़ोर वर्गों, आम आदमी, किसानों और कामगारों की पार्टी रही है. हमारी पार्टी ने न केवल आज़ादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि भारत को हर सूरत में आधुनिक भारत बनाने का कार्य भी किया है. हमारे महान नेता न केवल हमारे लिए बल्कि समूचे देश के लिए प्ररेणास्त्रोत रहे हैं. त्याग और विकास में कांग्रेस का योगदान हमेशा महत्वपूर्ण रहा है. कांग्रेस पार्टी एक ऐसी पार्टी है, जो सेक्युलर मूल्य पर चलती है. एकता के सूत्र में बांधती है. क्या इस मामले में हमारा मुक़ाबला कोई भी कर सकता है? नहीं कोई भी नहीं कर सकता. साथियों यह रैली हमने क्यों बुलाई? यह रैली हमने इसीलिए बुलाई कि हम आपके माध्यम से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि आज जब हमारा देश तमाम राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. हमारा यह दृढ़ संकल्प है कि हम उन सभी चुनौतियों का सामना करेंगे. कामयाब होंगे और इसके सार्थक परिणाम भी निकलेंगे. आजकल तरह-तरह की ख़बरों की आंधियां चल रही हैं. सरकार और पार्टी पर तमाम तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं तो इसमें सच क्या है झूठ क्या है? इसको परखना ज़रूरी है. आपने 2004 में अपना विश्वास देकर हमें चुना, आपने 2009 में हमें फिर अपना विश्वास दिया. लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियों ने इसकी भी सच्चाई को अभी तक पचा नहीं पाए हैं. वे आप लोगों द्वारा चुनी सरकार को कमज़ोर करना चाहते हैं. वे लगातार संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं. ऐसा क्यों? इसका सीधा सा जवाब यह कि यह लोग जनकल्याण के क़ानून पास नहीं होने देना चाहते हैं. राष्ट्र के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना नहीं चाहते हैं, क्योंकि जिन मुद्दों पर चर्चा करना ज़रूरी है, उसमें यह ख़ुद बुरी तरह फंसे हैं. उनका असली चेहरा सामने आएगा. मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि यह लोग हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को कमज़ोर करना चाहते हैं. क्या हम उन्हें ऐसा करने देंगे? बिल्कुल नहीं. हमारी यह पार्टी ने संसद की आधारशिला रखी है. संसद में संविधान से खिलवाड़ करने वालों को ऐसा करने की इजाज़त नहीं दी और न ही देगी. जिन्हें संविधान से खिलवाड़ करने में हिचक नहीं होती. जिन्हें लोकतंत्र की बुनियाद करने में हिचक नहीं होती. वही लोग दूसरों पर झूठे आरोप लगाने में संकोच नहीं करते हैं. हां, वे लोग उसी पार्टी के लोग हैं, जो हमें भ्रष्टाचार पर भाषण देते हैं, जो हम पर कल तक भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे. उन्हें देखा तो पता चला वे भ्रष्टाचार के कीचड़ में पूरी तरह से घिरे हैं. कहते हैं-जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है उसके लिए कुआं तैयार रहता है. हां, मैं मानती हूं कि भ्रष्टाचार एक कैंसर है जो ग़रीब आदमी को सबसे ज़्यादा मारता है. हमने पूरी शक्ति से इसका मुक़ाबला किया है और आगे भी करेंगे. जिसके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार साबित होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. हम ही सूचना के अधिकार का क़ानून लाए हैं. इसके ज़रिये कोई भी आम नागरिक किसी भी सरकार से सच्चाई का पता लगा सकता है. और आप ख़ुद पूछिए ऐसा क़ानून कोई ला सकता है? यह वही ला सकता है, जो भ्रष्टाचार मिटाना चाहता है. हम लेकर आए. हम लोकपाल विधेयक लाए, जिसे भाजपा ने राज्यसभा में पास नहीं होने . फिर भी इसे पास कराने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा और मैं उम्मीद करती हूं कि हम कामयाब ज़रूर होंगे. भाइयों और बहनों आज सारी दुनिया में आर्थिक संकट है. सभी इसकी चपेट में हैं. फिर अन्य देशों के मुक़ाबले डॉ. मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व में हमारा आर्थिक विकास नहीं रुका. हमारा यह अनुमान है कि हर साल देश में 80 से 100 लाख युवक रोज़गार के लिए आ रहे हैं. कोई देश इतनी बड़ी चुनौती का सामना नहीं कर रहा है. इसीलिए नए निवेश की आवश्यकता है, जिसमें एफडीआई भी एक है. उसका फ़ायदा न केवल किसान भाइयों को बल्कि आम नागरिकों और नौजवानों को भी मिलेगा. मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि महंगाई का बोझ आम जनता ख़ासतौर से मेरे गग़रीब भाई-बहनों पर अधिक है. मैं दिल से यह समझती हूं. सरकार इन चुनौतियों से निपटने का पूरा प्रयास कर रही है. लेकिन मुश्किल यह है कि हम 80 फ़ीसदी कच्चा तेल बाहर से आयात करते हैं. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतें चार गुना तेज़ी से बढ़ी हैं. इससे हमें मजबूर होकर कुछ कठिन निर्णय लेने पड़े हैं. आज भी रसोई गैस और मिट्टी के तेल में सब्सिडी दे रहे हैं. हमें यूरिया में भी सब्सिडी देनी पड़ती है, क्योंकि दुनिया के बाज़ार में उसकी भी क़ीमत बढ़ी है. फिर भी हमारी सरकार ने राशन की दुकान में गेहूं और चावल की क़ीमत नहीं बढ़ाई. हम खाद्य सुरक्षा का क़ानून भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं. यह सब हमारी पार्टी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की आम आदमी के प्रति संवेदनशीलता का सबूत है. भाइयों अभी हमारे प्रधानमंत्री जी ने यूपीए सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है. मैं वह दोहराना नहीं चाहती हूं. मैं उल्टी-सीधी बातें नहीं करना चाहती, क्योंकि वह मेरी आदत नहीं है. लेकिन हमारी सरकार की निंदा करने वालों से सिर्फ़ यह पूछना चाहती हूं कि क्या आपने आज तक कोई ऐसी सरकार चलाई, जिसने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में कम समय में इतने क्रांतिकारी क़दम उठाए, आप ज़रा जवाब दें? मैं आपके माध्यम से अपने देशभर के गांव-गांव में मौजूद अपनें साथियों से कहना चहती हूं कि हमें पूरे हौसले से अपना काम करना है. हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने विरोधियों के षडयंत्र का जवाब देना है. कांग्रेस का दिल, दामन और नीयत साफ़ है. कांग्रेस को किसी से आंखे चुराने की ज़रूरत नहीं है. हम पूरी ईमानदारी के साथ ग़रीबों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं के हित में काम कर रहे हैं. देश के युवाओं को कांग्रेस से बहुत उम्मीदें हैं. हमें उनके सपनों को साकार करना है. भाइयों और बहनों हम देश को एक नया भविष्य देने की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे. हमें मिलकर इस देश को आगे बढ़ाना है. इन्हीं शब्दों के साथ मैं आप सभी को दिवाली और नए साल की शुभकामनाएं देती हूं और दिल से यहां दूर-दूर से आने वालों को धन्यवाद देती हूं. अंत में शीला जी, उनके सहयोगी जेपी अग्रवाल जी और सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने इस रैली को कामयाब बनाने में दिन-रात कठिन मेहनत की है. धन्यवाद, जयहिंद.
क़ाबिले-गौर है कि रैली शुरू होने के तय समय 11 बजे से तक़रीबन एक घंटे पहले ही पूरा मैदान ठसाठस भर चुका था और सुरक्षा को देखते हुए प्रवेश रोकना पड़ा. जितने कांग्रेसी मैदान में थे, उससे कहीं ज़्यादा बाहर दिल्ली की सड़कों पर नज़र आ रहे थे. हरियाणा से आए कांग्रेस समर्थक अपने सिर पर गुलाबी पगड़ी बांधे थे. सुबह पांच बजे से ही लोगों ने मैदान में पहुंचना शुरू कर दिया था. हरियाणा से तक़रीबन 20 हज़ार पार्टी समर्थक देर रात को ही राजधानी पहुंच चुके थे. दिल्ली और हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी बड़ी तादाद में कांग्रेस समर्थक रामलीला मैदान पहुंचे थे.