फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन कर जहां विपक्ष को उसके दुष्प्रचार का कड़े शब्दों में विपक्ष को जवाब दिया, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जनहितैषी नीतियों और योजनाओं पर रौशनी डाली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव राहुल गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री दीक्षीत ने दूर-दूर ने आए लोगों की विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए देश के समग्र विकास का वादा किया.
 
राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2004 में जब हमारी सरकार बनी थी, हमने हिन्दुस्तान की जनता से विकास का वादा किया. आठ साल से अब हम सरकार में हैं, हमने बडे-बड़े काम करके दिखाए हैं. दुनिया का सबसे बड़ा रोज़गार का काम मनरेगा हमने इस देश को दिया. करोड़ों लोगों को रोज़गार दिया, फ़ायदा पहुंचाया. विपक्ष के लोग भ्रष्टाचार की बात करते हैं, मगर हमने हिन्दुस्तान की जनता को आरटीआई दिया, जिसके माध्यम से कोई भी अपनी सरकार के बारे में कोई भी सवाल पूछ सकता है. हमने किसान का क़र्ज़ माफ़ किया. उनके लिए बैंकों में क़र्ज़ के दरवाज़े खोले और जब भी हमने यह काम किया, विपक्ष ने समर्थन नहीं दिया. खड़े हो गए हमारे सामने, विरोध किया. बिना सोचे समझे विरोध किया. आने वाले समय में हम आम आदमी के लिए और काम करने वाले हैं. भोजन के अधिकार का बिल तैयार है. उसको हम संसद में रखने वाले हैं और पूरे हिन्दुस्तान के ग़रीब लोगों को भोजन देने वाले हैं. जो आधी रोटी खाता है, उसको हम पूरा पेट भर खाना देंगे. भट्टा पारसौल में ज़मीनी अधिग्रहण बिल की बात शुरू हुई. ग़रीब लोगों से ज़मीन छीनी जाती है कोई सवाल नहीं पूछता. हमने सवाल पूछा, कांग्रेस पार्टी ने सवाल पूछा और अब हम बिल लाने वाले हैं संसद में, जिससे करोड़ों लोगों, किसानों को फ़ायदा होगा. ज़मीन का सही दाम मिलेगा. लोकपाल की बात उठी, हम बिल लाए. विपक्ष के लोगों ने बिल को राज्यसभा में हराया और हंस रहे थे वो उस दिन. ख़ुश थे जिस दिन लोकपाल बिल को वहां हराया गया था, मगर हम फिर से लाएंगे और उस बिल को पास कराएंगे. दिल्ली में हैं और दिल्ली के बारे में कह देता हूं. शीला जी बैठी हैं. जेपी अग्रवाल जी बैठे हैं. दिल्ली का हमने बदल डाला है. जो दिल्ली पहले हुआ करती है वह अब बदल चुकी है. प्रगति हमने करके दिखाई है और शीला जी का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं. मैं आपको कुछ और बात बताना चाहता हूं. सालों से अब मैं इस राजनैतिक सिस्टम को देख रहा हूं. आठ साल हो गए अंदर से इस राजनैतिक सिस्टम को  देखा है मैंने. किसानों के पास गया हूं, युवाओं के पास गया हूं. आप सबसे बात की है और थोड़ी सी समझ मुझे सिस्टम के बारे में आई है. हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या हमारा राजनैतिक सिस्टम है और इसकी सबसे बड़ी कमी यह है कि आम आदमी के लिए यह सिस्टम बंद है. कमज़ोर के लिए यह सिस्टम बंद है. इसके दरवाज़े बंद पड़े हुए हैं और आम आदमी इसका नतीजा रोज़ सहता है. जब आप राशन कार्ड के लिए जाते हो और आपको भगा दिया जाता है तो बंद सिस्टम की चोट आपको लगती है. जब कोई बच्चा स्कूल जाना चाहता है देश के लिए रोज़गार चाहता है बंद सिस्टम उसको ठोकर मारता है. देखिए राजनैतिक पार्टियों के दरवाज़े आम आदमी के लिए बंद हैं. युवा सपना देखता है. आसमान की ओर देखता है. बड़े-बड़े सपने देखता है और हमारा सिस्टम उसको ठोकर मारकर नीचे गिरा देता है. यह पूरे हिन्दुस्तान के साथ होता है. हर रोज़ होता है और यह सब आप बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और यह सिस्टम आपको ठोकर मारता रहता है. जो सच्चा सवाल है, सिस्टम खोलने का सवाल है राजनैतिक पार्टियों को खोलने का सवाल है. वो यह लोग नहीं पूछते. भ्रष्टाचार की बात उठाई विपक्ष ने. मगर सिस्टम को बदलने की बात किसी ने नहीं उठाई. अगर यहां एक कमी है तो यह है कि राजनीति में आम आदमी की आवाज़ नहीं पहुंच रही है. सच बात यह है कि जब तक आम युवा राजनैतिक  सिस्टम के अंदर नहीं आएगा तब तक यह देश नहीं बदल सकता है. विरोध करने से कुछ नहीं होता है. रास्ता दिखाने से होता है और अगर आज किसी ने रास्ता दिखाया है तो मनमोहन सिंह जी ने दिखाया है. सोनिया जी ने दिखाया है और कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है. देखिए मैं भविष्य की बात करना चाहता हूं और कांग्रेस पार्टी की बात करना चाहता हूं. हमें आम आदमी के लिए दरवाज़े खोलने हैं. जो कार्यकर्ता हैं उनकी बात सुननी है, क्योंकि यह हमारी रीढ़ की हड्डी है. जब तक हम कांग्रेस पार्टी के दरवाज़े आम आदमी के लिए नहीं खोलेंगे तब तक देश आगे नहीं बढ़ सकता है. यह काम सिर्फ़  पार्टी कर सकती है कोई और नहीं. बाक़ी लोग विरोध कर सकते हैं, लेकिन रास्ता नहीं दिखा सकते. हमने रास्ता दिखाया है. हरित क्रांति किसने की? कांग्रेस पार्टी ने की. कंप्यूटर कौन लाया? कांग्रेस पार्टी लाई. राजनैतिक सिस्टम को कौन बदलेगा. कांग्रेस पार्टी बदलेगी. 100 साल से ज़्यादा हो गए. गांधी जी ने लड़ाई शुरू की. वह भारत आए कांग्रेस पार्टी बंद थी. उसे शुरू किया. उसमें आम आदमी की आवाज़ शामिल की. उस दिन अंग्रेजों ने हाथ जोड़े और इग्लैंड चले गए. यही हमें करना है. ग़रीब लोगों की आवाज़ को इस संगठन में लाना है. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की आवाज़ को सुनना है और अगर हमने यह काम किया तो राजनैतिक सिस्टम बदलेगा, देश बदलेगा, प्रगति होगी. मैं आप लोगों के साथ खड़ा हूं. हम एक साथ मिलकर हिन्दुस्तान को रास्ता दिखाएंगे और हमारी आने वाली पीढ़ी के सपनों को सच करेंगे. विपक्ष के लोग सिर्फ़ नेगेटिव बात करते हैं. हम कुछ भी कह दें, विपक्ष के लोग खड़े हो जाएंगे और कहेंगे आपने ग़लत कहा. एफडीआई की बात की, पहले उन्होंने शुरू की थी. एफडीआई की बात बीजेपी ने शुरू की थी. कमज़ोर बिल था. हम मज़बूत बिल लाए. संसद में रखा. कहते हैं नहीं, एफडीआई से किसान को नुक़सान होगा. हिमाचल प्रदेश गया तो वहां नाई को कह दिया गया था कि तुम्हारी दुकानें बंद हो जाएंगी. झूठ, इन बातों का कुछ लेना-देना नहीं है. मगर बता दिया. एफडीआई से किसान को फ़ायदा होगा. कोल्ड स्टोरेज, फूड प्लांट किसान के पास जाकर लगेगा और किसान जो हमारी रीढ़ की हड्डी है, वो खड़ा होगा और हम खड़ा करके दिखाएंगे. हिन्दुस्तान खड़ा हो रहा है. पूरी दुनिया यह कह रही है. पॉजिटिव माहौल है और यहां पर सिर्फ़ विरोध का काम. बिना सोचे समझे विरोध का काम. हम भी में विपक्ष थे. कारगिल की लड़ाई हुई. हम सब खड़े हो गए, समर्थन दिया. वाजपेयी जी को कहा, करिए जो करना है. देशहित में कांग्रेस पार्टी हमेशा खड़ी रही है, क्योंकि हम देश का हित चाहते हैं. युवाओं का हित चाहते हैं और हम यहां इस देश का बदलने आए हैं. प्रगति लाने आए हैं. आप इस बात का सबूत हो. आप दूर-दूर से आए. हम यहां ग़रीबों, पिछड़ों और कमज़ोर लोगों के लिए हैं, लेकिन अगर ग़रीबों को आगे बढ़ाना है तो आर्थिक सुधार करना होगा. तभी किसानों और ग़रीबों के लिए योजनाएं बनेंगी. इसीलिए हम हम सभी चीज़ों को लेकर चलते हैं. हिन्दुस्तान खड़ा होगा और हमारा युवा पूरी दुनिया को रास्ता दिखाएगा. कांग्रेस पार्टी युवाओं को राजनीति में जगह देगी. आप सभी यहां दूर-दूर से आए धन्यवाद, जय हिंद.

क़ाबिले-गौर है कि  कांग्रेस की इस रैली में अपार जनसमूह ने शिरकत की. दिल्ली के आसपास के प्रदेशों से भी जनसैलाब आया. हालत यह थी कि सुबह से ही लोग रामलीला मैदान पहुंचने लगे थे. वाहन इतने कि लालक़िले तक पार्किंग बना दी गई थी. देर रात तक जनसैलाब वापस लौटा. हरियाणा में तो बसें इतनी धीमी रफ़्तार से चल रही थीं कि  पांच घंटे का सफ़र दस घंटे में तय किया. बहरहाल, रैली की कामयाबी से कांग्रेसियों के चेहरे  खिले हुए थे.

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