स्टार न्यूज़ एजेंसी
मऊ (उत्तर प्रदेश). कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने न केवल बुनकरों की क़र्ज़ माफ़ी कर सहायता की, बल्कि सरकार ने बुनकर समुदाय के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई योजनाओं के साथ अपना क़दम बढ़ाया है.
मऊ के बुनकर बाहुल्य वाले इलाक़े में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘जब बुनकर समुदाय से कुछ लोग हमारे पास आए और अपनी परेशानियों के बारे में बताया तो वे उन्हें लेकर प्रधानमंत्री के पास गए, और प्रधानमंत्री जी ने बुनकरों की समस्याओं को दूर करने के लिए बिना एक मिनट भी गंवाये विशेष बुनकर पैकेज का ऐलान कर दिया.’’
उन्होंने कहा कि ‘बुनकरों ने मुझसे कहा कि पैकेज की धनराशि समितियों के माध्यम से मत दीजिये, क्योंकि इससे पैसा बुनकरों के पास नहीं पहुंचेगा. हम इस बात पर सहमत हुए और अब पैसा सीधे उनके खातों में जा रहा है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘बुनकरों ने उन्हें बताया कि उनका पैसा लखनऊ में बैठा जादुई हाथी खा जाएगा तो हमने योजना में बदलाव किया और पैसा सीधा बुनकरों के खातों में भिजवाया.’’
राहुल गांधी ने अल्पसंख्यक आरक्षण के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह को भी जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि ‘‘मुलायम सिंह यादव ने तीन बार इस प्रदेश पर मुख्यमंत्री के रूप में राज किया, मगर अल्पसंख्यक आरक्षण के मसले पर कुछ नहीं किया और अब कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं.’’ उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि ‘‘मुलायम सिंह जी कहते हैं कि 4.5 प्रतिशत आरक्षण कम है. वह तीन बार मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने मुसलमानों को आरक्षण क्यों नहीं दिया? क्या वह अपने चुनाव घोषणा पत्र में यह वादा करेंगे कि सत्ता में आने पर वो मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देंगे? गांधी बोले, ‘‘वह ऐसा कभी नहीं कहेंगे और कभी नहीं करेंगे.’’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘समाजवादी पार्टी ने लोगों की ‘उम्मीद की साइकिल’ को पंचर कर दिया.’’
उन्होंने कहा कि ‘‘उत्तर प्रदेश के लोगों ने समाजवादी पार्टी को सरकार बनाने के लिए तीन मौक़े दिए, मगर सपा लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रही. समाजवादी पार्टी की सरकार के ज़माने में पुलिस थानों में आम आदमी की एफआईआर तक नहीं लिखी जाती थी. थानों में गुंडों ने क़ब्ज़ा कर रखा था. महिलाएं भी अत्याचार की शिकार हो रही थीं और प्रदेश का कोई विकास नहीं हो रहा था.’’
राहुल गांधी ने लोगों को बताया कि ‘‘2009 में समाजवादी पार्टी के लोग गठबंधन करने के लिए उनके पास आए, मगर हमने उन्हें मना कर दिया, क्योंकि हम राजनीतिक फ़ायदे के लिए कल्याण सिंह जैसे लोगों से कोई समझौता नहीं कर सकते. उस समय समाजवादी पार्टी के लोग बोले कि कांग्रेस को पांच से ज़्यादा सीटें नहीं मिलेंगी. लोकसभा चुनाव में हमें 22 सीटें मिलीं, मगर सपा को 21 सीटें ही मिलीं.’’
उन्होंने कहा कि ‘‘कांग्रेस ने कभी जाति और धर्म पर आधारित राजनीति नहीं की, बल्कि उसने सभी को साथ लेकर चलने की राजनीति की है. उन्होंने कहा कि ‘‘कांग्रेस ने मनरेगा शुरु की, जो रोज़गार के अधिकार से जुड़ी है, ‘‘लेकिन मायावती जी कहती हैं कि इससे कोई फ़ायदा नहीं होगा. वह सही थीं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में मनरेगा से किसी को कोई फ़ायदा नहीं होता, उनका हाथी सारे पैसे खा कर हज़म कर जाता है. उनका हाथी पैसे ही नहीं खाता, बल्कि ज़मीन और जो कुछ भी उसकी आंखों के सामने आता है उसे हज़म कर जाता है. आज दूसरे प्रदेशों में मनरेगा से देश के लाखों लोगों को फ़ायदा हुआ है, उनकी ज़िन्दगी में बदलाव आया है. मनरेगा ने उन्हें रोज़गार और आत्म-सम्मान दिया; और अब हम खाद्य सुरक्षा क़ानून लाने जा रहे हैं, जो यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भूखा ना रहे, मगर मायावती जी कहती हैं कि यह बेकार है.’’
राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘भाजपा ने इंडिया शाईनिंग जैसा नारा इसलिए दिया, क्योंकि वे ज़मीनी हक़ीक़त से वाकिफ़ नहीं थे.' उन्होंने कहा कि ‘‘केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास कार्यक्रमों के लिए हज़ारों करोड़ रुपये भेजे, मगर मायावती जी के जादुई हाथी ने सब निग़ल लिए. अगर कोई हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली या केरल जाकर देखे तो उसे पता चलेगा कि केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पैसों से कितना विकास हुआ है. उत्तर प्रदेश में अगर इस तरह की सरकारें रहीं तो यहां कभी विकास नहीं हो पाएगा.’’
उन्होंने कहा कि ‘‘मैं यहां चुनाव जीतने नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को बदलने आया हूं और मैं तब तक यहां से नहीं जाऊंगा, जब तक बदलाव नहीं होता- चाहे इसमें पांच साल लगें, 10 या 15 साल लगें.’’