फ़िरदौस ख़ान
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अन्ना हजारे के आंदोलन को लेकर मुस्लिम संगठनों के रहनुमाओं ने सियासी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं. एक तरफ़ पूरा देश भ्रष्टाचार से परेशान है, वहीं दूसरी तरफ़ कुछ मुस्लिम संगठनों ने अन्ना हज़ारे के आंदोलन का विरोध करने का ऐलान किया. इन संगठनों ने मुसलमानों से आह्वान किया है कि वे अन्ना हजारे के आंदोलन से दूर रहें. हालांकि अन्ना अब उन पांच राज्यों में कांग्रेस का विरोध करने की बात कह रहे हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. मुस्लिम संगठनों को अन्ना के तरीक़े पर आपत्ति है. उनका कहना है कि अन्ना भ्रष्टाचार को लेकर सिर्फ़ कांग्रेस को ही निशाना बना रहे हैं, जबकि भाजपा शासित राज्यों में भी भ्रष्टाचार चरम पर है. कर्नाटक और उत्तराखंड की सरकारें इसकी ताज़ा मिसालें हैं.

जमीयत-ए-उलेमा हिंद की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष मौलाना मुस्तक़ीम हसन आज़मी का कहना है कि हम भी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हैं, लेकिन अन्ना हजारे ने विरोध का जो तरीक़ा अपनाया है, उससे तो यही लगता है कि यह किसी साज़िश का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से बड़ा मुद्दा सांप्रदायिक दंगों और आतंकवाद का है, जो देश के सामने एक बड़ी चुनौती है. आज़ादी के बाद से अब तक सांप्रदायिक दंगों में हज़ारों मुसलमानों की जानें जा चुकी हैं. आतंकवाद के नाम पर बेक़सूर मुसलमानों को जेल की सलाख़ों के पीछे डाल दिया गया और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है, लेकिन अन्ना हजारे ने इसके बारे में कभी एक शब्द नहीं कहा. संगठन के महासचिव मौलाना हलीमुल्ला क़ाज़मी का कहना है कि अन्ना हज़ारे के साथ जुड़े लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सांप्रदायिक ताक़तों के लिए काम कर रहे हैं. इससे सांप्रदायिक ताक़तों का ही भला होगा, इसलिए उन्होंने उनके आंदोलन से दूरी बना ली. देखा गया है कि जब भी धर्मनिरपेक्ष सरकारों के ख़िलाफ़ इस तरह के आंदोलन चले हैं तो सांप्रदायिक ताक़तें ही सत्ता में आई हैं.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव अब्दुल सत्तार शेख़ का कहना है कि अन्ना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं. मुंबई अमन कमेटी के फ़रीद शे़ख ने अन्ना के आंदोलन की निंदा करते हुए कहा कि जब भी कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार मुसलमानों की भलाई के लिए काम करना चाहती है तो भ्रष्टाचार के नाम पर उसे कमज़ोर करने की कोशिश की जाती है. अन्ना भी यही कर रहे हैं. जाने-माने फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट भी इन मुस्लिम संगठनों के साथ खड़े नज़र आते हैं. उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि अगर अन्ना की मुहिम कामयाब हो गई तो देश एक बार फिर विभाजन की कगार पर पहुंच जाएगा. उनका कहना था कि यह आंदोलन भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि यह तो देश को बांटने की एक साज़िश है. उन्होंने अन्ना की तुलना कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी से कर डाली. ट्‌वीटर पर अपने संदेश में महेश भट्ट ने लिखा, अगर गिलानी जैसा कोई शख्स कश्मीर को भारत से अलग करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाए तो क्या आप उसे उचित ठहराएंगे? ग़ौरतलब है कि सैयद अली शाह गिलानी कश्मीर में सक्रिय हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता हैं और लंबे समय से कश्मीर को अलग करने की मांग करते रहे हैं. महेश भट्ट ने अन्ना हजारे को गांधीवादी मानने से भी इंकार करते हुए कहा कि भ्रष्ट सिर्फ़ वह नहीं है, जो रिश्वत लेता है, बल्कि भ्रष्ट वह भी है, जो सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ावा देता है और धर्म के नाम पर लोगों से भेदभाव करता है.

कई ऐसे संगठन भी हैं, जो बेशक खुलकर अन्ना के समर्थन में सामने नहीं आए हैं, लेकिन वे उनके ख़िलाफ़ भी नहीं हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव एवं प्रवक्ता अब्दुल हमीद नोमानी कहते हैं कि ऐतराज़ अन्ना के विरोध के तरीक़े पर हो सकता है, लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नहीं. जमीयत भ्रष्टाचार के खिला़फ हैं, लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि जनता से जुड़ा भ्रष्टाचार का यह मुद्दा अब सियासी रंग ले चुका है. हक़ीक़त तो यही है कि आज पूरा देश भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ उठ खड़ा हुआ है. अब वे हालात नहीं रहे हैं कि जब कोई पार्टी या संगठन यह सोचे कि उसने कोई बात कह दी और लोग आंख मूंदकर उस पर अमल शुरू कर देंगे. जनता में जागरूकता बढ़ी है. लोग जानते हैं कि कौन उनके हित की बात कह रहा है और कौन उन्हें सब्ज़बाग़ दिखाकर गुमराह कर रहा है.


أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ

أنا أحب محم صَلَّى ٱللّٰهُ عَلَيْهِ وَآلِهِ وَسَلَّمَ
I Love Muhammad Sallallahu Alaihi Wasallam

फ़िरदौस ख़ान का फ़हम अल क़ुरआन पढ़ने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें

या हुसैन

या हुसैन

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

सत्तार अहमद ख़ान

सत्तार अहमद ख़ान
संस्थापक- स्टार न्यूज़ एजेंसी

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

  • नजूमी... - कुछ अरसे पहले की बात है... हमें एक नजूमी मिला, जिसकी बातों में सहर था... उसके बात करने का अंदाज़ बहुत दिलकश था... कुछ ऐसा कि कोई परेशान हाल शख़्स उससे बा...
  • कटा फटा दरूद मत पढ़ो - *डॉ. बहार चिश्ती नियामतपुरी *रसूले-करीमص अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि मेरे पास कटा फटा दरूद मत भेजो। इस हदीसे-मुबारक का मतलब कि तुम कटा फटा यानी कटा उसे क...
  • Dr. Firdaus Khan - Dr. Firdaus Khan is an Islamic scholar, poetess, author, essayist, journalist, editor and translator. She is called the princess of the island of the wo...
  • میرے محبوب - بزرگروں سے سناہے کہ شاعروں کی بخشش نہیں ہوتی وجہ، وہ اپنے محبوب کو خدا بنا دیتے ہیں اور اسلام میں اللہ کے برابر کسی کو رکھنا شِرک یعنی ایسا گناہ مانا جات...
  • डॉ. फ़िरदौस ख़ान - डॉ. फ़िरदौस ख़ान एक इस्लामी विद्वान, शायरा, कहानीकार, निबंधकार, पत्रकार, सम्पादक और अनुवादक हैं। उन्हें फ़िरदौस ख़ान को लफ़्ज़ों के जज़ीरे की शहज़ादी के नाम से ...
  • 25 सूरह अल फ़ुरक़ान - सूरह अल फ़ुरक़ान मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 77 आयतें हैं. *अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है*1. वह अल्लाह बड़ा ही बाबरकत है, जिसने हक़ ...
  • ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ - ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਿਤੋਂ ਕਬੱਰਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬੋਲ ਤੇ ਅੱਜ ਕਿਤਾਬੇ-ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਕੋਈ ਅਗਲਾ ਵਰਕਾ ਫੋਲ ਇਕ ਰੋਈ ਸੀ ਧੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤੂੰ ਲਿਖ ਲਿਖ ਮਾਰੇ ਵੈਨ ਅੱਜ ਲੱਖਾਂ ਧੀਆਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਤ...

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं