रियाद (सऊदी अरब). सऊदी अरब में जिन लोगों को मौत की सज़ा दी गई है, उनमें अहम शिया नेता शेख़ निम्र अल निम्र भी शामिल है. मारे गए लोगों पर आतंकवाद से जुड़ा होने का आरोप था. शनिवार को गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
सऊदी अरब में शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सज़ा दिए जाने पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. ईरान शिया बहुल देश है और उसे सुन्नी बहुल सऊदी अरब का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सऊदी अरब को इसकी क़ीमत चुकानी होगी.
प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' करार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का ख़ात्मा हो जाएगा. दूसरी ओर, ख़बर है कि शिया नेता को मौत की सज़ा देने के ख़िलाफ़ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी ग़लती कहा है.
शिया धर्मगुरु शेख़ निम्र अल निम्र ईस्ट सऊदी अरब में 2011 में भड़के सरकार विरोधी प्रदर्शन के निम्र अहम ज़िम्मेदार थे. इन इलाक़ों में शिया बहुसंख्यकों को खु़द के लंबे अरसे से हाशिये पर रहने की शिकायत थी.
शेख़ निम्र को अक्टूबर, 2014 में मौत की सज़ा सुनाई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक़ मारे गए लोगों में से कई पर 2003-06 के बीच अल क़ायदा द्वारा किए गए हमलों में शामिल होने का आरोप था.
ग़ौरतलब है कि 1995 में सबसे ज़्यादा 157 लोगों को सज़ा-ए-मौत दी थी. उससे पहले साल 2014 में 90 लोगों को मौत की सज़ा दी थी. सऊदी ने 2016 के शुरुआत में 47 लोगों को मौत की सज़ा दी है.
इसे 1995 के बाद सबसे बड़े लेवल पर मास एक्जीक्यूशन के तौर पर देखा जा रहा है. तब 192 लोगों को मौत की सज़ा दी गई थी.