सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्लीसभी मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे हृदय संबंधी बीमारी की जांच करवाएं, क्योंकि इस बीमारी के षिकार 65 फीसदी मरीज टाइप टू डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉके के अग्रवाल  के मुताबिक़   मधुमेह पर लक्षित और विशेष प्रबंध के जरिये होने वाले हार्ट अटैक के खतरे में कमी लायी जा सकती है। नए दिशा-निर्देशों के हिसाब से सभी मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे अपना ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से कम रखें और फास्टिंग ब्लड शुगर 90 एमजी प्रतिशत से कम रखें। मधुमेह पर काबू पाने के लिए एबीसी के फॉर्मूले को अपनाएं  यानी कमर कीचौड़ाई महिलाएं 32 इंच और पुरुश 35 इंच से कम रखेंब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से कम  एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 100 एमजी प्रतिशत से कम रखें।

अचानक सुनने की क्षमता खोने को नजरअंदाज  करें
डॉअग्रवाल ने कहा कि अपरिभाशितएकतरफाअचानक से सुनने की क्षमता खोने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए। 30 डेसिबल से अधिक की सुनने की क्षमता खोने को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। अक्सर ऐसे मरीजों के कानों में रिंगिंग और चक्कर से जुड़ा मामला होता है। इसकी वजह वायरल इन्फेक्शन और वैस्कुलर इनसल्ट हो सकती हैं। ऐसे मरीजों का अगर जल्द इलाज नहीं हुआ तो सुनने की क्षमता वापस लाने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे मामलों में सीटी स्कैन की जरूरत होती है ताकि ब्रेन टयूमर का पता लगाया जा सके।

दांतों के दर्द को नजरअंदाज  करें
डॉअग्रवाल ने कहा कि अगर ऐगज़रशन की वजह से दांतों में दर्द हो और  आराम करने से परेशानी  हो तो य गंभीर हार्ट ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। हार्ट अटैक के मरीज अक्सर डेंटिस्टऑथोपेडीशियनजीआईफिजीशियन या ईएनटी सर्जन के पास जाते हैं। ऐगज़रशन करने पर सीनेभुजादांतगर्दन या कंधे के पिछले हिस्से में किसी भी तरह की असहजता हो और आराम करने के बाद राहत मिल जाए तो जब तक कुछ और साबित  हो जाए उसे हृदय संबंधी समस्या की वजह ही मानना चाहिए।   

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