चांदनी
नई दिल्ली. खुराक में नमक को नियंत्रित करके व्यक्ति हृदय बीमारी में 25 फीसदी की कमी और इससे होने वाली मौत में 20 फीसदी की कमी कर सकता है। भारतीयों में खुराक में नमक की ज्यादा मात्रा लेना आम बात है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययन का हवाला देते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने बताया कि हाइपटेंसिव लोगों में सोडियम की कमी से ब्लड प्रेशर में कमी होती है, लेकिन अब यह देखा गया है कि नमक में कमी लाने से इसका असर हृदय संबंधी बीमारी पर भी होता है।
अध्यन में ''प्री-हाइपरटेंशन'' के लोगों को शामिल किया गया, जब उनमें नमक की कमी करीब 25-35 फीसदी कम कर दी गई तो उनमें हृदय संबंधी बीमारी 10 से 15 साल बाद विकसित हुई। इसमें यह भी देखा गया कि ऐसे लोगों में हृदय संबंधी बीमारी से मौत 20 फीसदी कम हुई जिन्होंने अपने खुराक में नमक की कटौती की। नमकीन से परहेज करके ही नमक पर नियंत्रण हासिल किया जा सकता है, इसके लिए नमक के भोजन और धुएं में तैयार होने वाले भोजन जैसे कि लंच मीट, हॉट डॉग्स, हैम, ओलाइव, आचार और नियमित नमक वाले केन्ड भोजन व अन्य ऐसे भोजन जो घर में तैयार किये जाते हैं, उनमें नमक की मात्रा होती है। ऐसे भोजन जिनमें नमक को लेकर हम सोचते ही नहीं हैं, जैसे कि नाश्ते में सीरियल, कुकीज ओर कुछ सॉफ्ट ड्रिंक जिनमें सोडियम की अतिरिक्त मात्रा रहती है।