चांदनी
नई दिल्ली. हार्ट अटैक पहले छह घंटों में अटैक कर सकता है। हार्ट अटैक में हार्ट आर्टरी में थक्के को या तो ड्रग्स से हटाया जा सकता है या फिर हार्ट अटैक होने से सीने में दर्द के 90 मिनट के अंदर एंजियोप्लास्टी के जरिये खत्म किया जा सकता है। जहां तक संभव हो हार्ट अटैक की आशंका वालों को समय से ही मांसपेशियों और सीने में दर्द की शिकायत होने पर अस्पताल पहुंचाकर थक्के को थेरेपी के जरिये काबू किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली. हार्ट अटैक पहले छह घंटों में अटैक कर सकता है। हार्ट अटैक में हार्ट आर्टरी में थक्के को या तो ड्रग्स से हटाया जा सकता है या फिर हार्ट अटैक होने से सीने में दर्द के 90 मिनट के अंदर एंजियोप्लास्टी के जरिये खत्म किया जा सकता है। जहां तक संभव हो हार्ट अटैक की आशंका वालों को समय से ही मांसपेशियों और सीने में दर्द की शिकायत होने पर अस्पताल पहुंचाकर थक्के को थेरेपी के जरिये काबू किया जाना चाहिए।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ सीने में किसी भी तरह का दर्द जिसको उंगली से बताया जा सके, वह हृदय संबंधी बीमारी का दर्द नहीं होता और कोई भी सीने का दर्द जो 30 सेकंड से पहले खत्म हो जाए, उसका सम्बंध दिल की बीमारी से नहीं होता है।
सीने में दर्द होने के बाद 3 डी इकोकार्डियोग्राफी कराने से जल्द हार्ट अटैक का पता लगाने में मदद मिलती है।
एक्यूट हार्ट अटैक के 6 घंटे बाद भी ईसीजी सामान्य हो सकती है।
पानी में घुलनशील 300 एमजी की एस्प्रिन चबाने से सीने में दर्द की वजह से होने वाली मौत में 20 फीसदी की कमी लायी जा सकती है।
सामान्य तौर पर हार्ट अटैक के मामले सुबह जल्दी के समय होते हैं।
अकस्मात हार्ट अटैक से अधिकतर मौत के मामले सीने में दर्द के एक घंटे के अंदर हो जाते हैं।
धमनी में रक्त के थक्के को हटाने के लिए एंजियोप्लास्टी कराते हैं और हार्ट अटैक से अन्य नुकसान से बचाते हैं।
अगर थक्के के खात्मे की थेरेपी काम न कर रही हो तो एंजियोप्लास्टी भी करवायी जा सकती है।
हार्ट अटैक से अकस्मात होने वाली मौत में उल्टाव संभव है अगर इसके लिए पांच मिनट के अंदर कदम उठाए जाएं। इसके लिए महत्वपूर्ण ये है कि मरीज को हार्ट अटैक के बाद पहले घंटे न छोड़ें और फिर उसको बिना किसी चिकित्सा कर्मी के दूसरे अस्पताल न ले जाएं।
भारत में हर साल हार्ट अटैक की वजह से 25 लाख लोग मौत के शिकार हो जाते हैं और इनमें से तो 18 लाख लोग अस्पताल पहुंच ही नहीं पाते हैं।
हर 10 हार्ट अटैक होने वालों में चार महिलाएं होती हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक कहीं ज्यादा जानलेवा होता है।
गैर धूम्रपान करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में हार्ट अटैक कहीं ज्यादा जटिल होता है।
मधुमेह रोगियों में हार्ट अटैक बिना सीने के दर्द के हो सकता है।
हार्ट अटैक के बाद सामान्य जीवन जिया जा सकता है।
हार्ट अटैक या एंजियोप्लास्टी के बाद ठीक होने के उपरांत व्यक्ति सेक्स लाइफ भी बिता सकता है।
अगर एक व्यक्ति दो तल की इमारत की सीढ़ियों पर चढ़ जाए या एक किलोमीटर का सफर बिना किसी परेशानी के कर ले तो वह अपने साथी के सामान्य सेक्स कर सकता/सकती है।
दिल के लिए शादी से इतर सेक्स सम्बंध कहीं ज्यादा खतरनाक होते हैं जैसे कि ऐसा अच्छा नहीं माना जाता, जगह, परिस्थिति, समय और कम उम्र के साथी के साथ सम्बंध बनाने पर उसके साथ परफार्मेंस आदि से चिंता बढ़ती है।
वियाग्रा जैसी ड्रग्स बिना हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह के नहीं लेनी चाहिए और वियाग्रा जैसी ड्रग्स को नाइट्रेट्स नामक ड्रग्स के साथ कभी भी नहीं लेनी चाहिए।