सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्ली : आमतौर पर लगातार एसिडिटी पेट में से एसिड के कुछ पाईप में जाने से होता है। हल्के मामलों में एसिडिटी को एन्टीएसिड्स, एच2 ब्लॉकर्स और प्रोटान पम्प इनहिबिटर्स व जीवन षैली और खाने की आदतों में बदलाव के जरिए काबू किया जा सकता है।
फिर भी अगर जीवन षैली प्रबंध और उपचार जिन मरीजों में कारगर नहीं होता या जिन पर जटिल बीमारियों के लक्षण नजर आएं तो उनमें फूड पाइप के कैंसर का पता लगाने के लिए एन्डोस्कोपी करानी चाहिए, क्योंकि ऐसे लक्षण का संबंध लगातार एसिडिटी के होने से होता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ जटिल समस्या के दौरान के लक्षणों में भूख में कमी, वज़न कम होना, खाना निगलने में परेशानी, रक्तस्राव और सिस्टमिक बीमारी के सूचक शामिल हैं। रीफ्लक्स के लिए जीवन षैली के बदलाव में शामिल हैं- सिर और शरीर का उन्नयन, सोने से पहले खाना लेने से परहेज और ऐसे भोजन से बचना जिससे फूड पाइप वाल्व ढीली हो जाती है ऐसे भोजन के कुछ उदाहरण हैं- वसायुक्त भोजन, चॉकलेट, पिपरमिंट और बहुत ज्यादा शराब लेना।
नई दिल्ली : आमतौर पर लगातार एसिडिटी पेट में से एसिड के कुछ पाईप में जाने से होता है। हल्के मामलों में एसिडिटी को एन्टीएसिड्स, एच2 ब्लॉकर्स और प्रोटान पम्प इनहिबिटर्स व जीवन षैली और खाने की आदतों में बदलाव के जरिए काबू किया जा सकता है।
फिर भी अगर जीवन षैली प्रबंध और उपचार जिन मरीजों में कारगर नहीं होता या जिन पर जटिल बीमारियों के लक्षण नजर आएं तो उनमें फूड पाइप के कैंसर का पता लगाने के लिए एन्डोस्कोपी करानी चाहिए, क्योंकि ऐसे लक्षण का संबंध लगातार एसिडिटी के होने से होता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ जटिल समस्या के दौरान के लक्षणों में भूख में कमी, वज़न कम होना, खाना निगलने में परेशानी, रक्तस्राव और सिस्टमिक बीमारी के सूचक शामिल हैं। रीफ्लक्स के लिए जीवन षैली के बदलाव में शामिल हैं- सिर और शरीर का उन्नयन, सोने से पहले खाना लेने से परहेज और ऐसे भोजन से बचना जिससे फूड पाइप वाल्व ढीली हो जाती है ऐसे भोजन के कुछ उदाहरण हैं- वसायुक्त भोजन, चॉकलेट, पिपरमिंट और बहुत ज्यादा शराब लेना।