सरफ़राज़ ख़ान
एक अध्ययन में दिखाया गया है कि 73
फीसद ग्राहकों के पेंट ब्रांड 12 देशों में टेस्ट किये गए और इसमें देखा गया कि ब्रांड अमेरिकी मानकों के
600 पाट्र्स प्रति मिलियन (पीपीएम) के पेंट थे।
इसके लिए निम्न टिप्स हैं:
1.
ईनेमल पेंट्स सबसे ज्यादा चिंता का विषय हैं जिनको 1000 पीपीएम से भी अधिक चिंतनीय देखा गया है।
2.
जो पेंटर पेंट उतारता है उसको इसकी वजह से पेट में दर्द हो सकता
है।
3.
कुछ पेंट में वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स की वजह से अस्थमा या खांसी की समस्या हो सकती है। वीओसीएस ऑर्गेनिक कैमिकल कंपाउंड्स होते हे जो वैपोराइज होकर वातावरण में
पहुंच जाते हैं। वीओसीएस में एल्डीहाइड्स,
कीटोन्स और हाइड्रोकार्बन शामिल होते हैं और ये या तो ऑर्ग्रेनिक
कंपाउंड के तौर पर होते हैं या फिर कई तरह के मिश्रणों से तैयार होते
हैं।
4.
चूना (लाइमस्टोन) को घरों की सफेदी के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो
सुरक्षित होता है बनिस्बत हाई एंड पेंट्स को जो बाजार में उपलब्ध हैं।
5.
बहुत ज्यादा इसका साबका पड़ने से उंगलियां कमजोर हो जाती हैं,
ब्लड प्रेषर असामान्य हो जाता है,
एनीमिया और गंभीर किस्म का ब्रेन या किडनी डैमेज का भी खतरा रहता
है।
6.
सूखी खांसी की वजह टाल्यूईन डासोसाइनेट (टीडीआई) एक प्रमुख संवेदनशील तत्व होता है और यह कैमिकल
तत्व कार पेंट में इस्तेमाल किया जाता है।
7.
अधिकतर टॉक्सिक असर में उल्टाव संभव होता है अगर इनका जल्द पता लगा लिया
जाए।
8.
अस्थमा रोगियों को चाहिए कि तुरंत पेंट हुए कमरे में प्रवेश करने से परहेज
करें।