कल्पना पालकीवाला
विश्व मौसम संगठन प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को अपने 189 सदस्यों एवं वैश्विक मौसम समुदाय के साथ मिलकर विश्व मौसम दिवस मनाता है । अंतर्सष्ट्रीय मौसम संगठन की स्थापना वर्ष 1873 में आस्ट्रिया की राजधानी वियना में आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय मौसम कांग्रेस में की गयी थी । इस संगठन का उद्देश्य मौसम स्टेशन नेटवर्क की स्थापना करना था । यह नेटवर्क टेलीग्राफ लाइन से जोड़ा गया और जहाजरानी सेवा सुरक्षा के लिए इन्होनें मौसम संबंधी जानकारियां उपलब्ध करायीं ।
23 मार्च वर्ष 1950 में इसका नाम बदल कर विश्व मौसम संगठन कर दिया गया और अगले वर्ष से इसने संयुक्त राष्ट्र की मौसम विशेषज्ञ व आपरेशनल हाइड्रोलॉजी तथा भूभौतिक विज्ञानों से संबंधित एजेंसी के रूप में कामकाज प्रारंभ कर दिया ।
विश्व मौसम संगठन लोगों की सुरक्षा व कल्याण तथा खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है । इस वर्ष इसका नारा है जलवायु आपके लिए।
जलवायु के दो भौतिक और सूचनात्मक पक्ष हैं । भौतिक पक्ष में प्राकृतिक साधनों की उपलब्धता जैसे नवीकरणीय ऊर्जा आदि चीजें शामिल हैं । सूचनात्मक पक्ष में विशेषकर सामाजिक आर्थिक निर्णय की प्रक्रिया शामिल है । विस्तृत रूप से जलवायु एक ऐसा संसाधन है जिसका अन्य प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन पर गहरा असर होता है खासकर कृषि उत्पादन, जल प्रबंधन, स्वास्थ्य और कई अन्य महत्वपूर्ण प्रयोगों में इसका व्यापक प्रभाव है ।
हाल के वर्षों में विश्व मौसम दिवस के नारे इस प्रकार रहे हैं- वर्ष 2009 में वेदर, क्लाइमेट. एडं द एयर वी ब्रीथ; वर्ष 2008 में आब्जरविंग आवर प्लानेट फार ए वेटर पऊयूचर; वर्ष 2007 में पोलर मीटरोलाजी: अंडरस्टैंडिंग ग्लोबल इम्पैक्टस; वर्ष 2006 में प्रिवेंटिग एडं मिटीगेटिंग नेचुरल डिजास्टर; वर्ष 2005 में वेदर, क्लाइमेट वाटर एडं सस्टेनिबल डेवलपमेंट; वर्ष 2004 में वेदर, क्लाइमेट वाटर इन द इन्फोरमेशन एज तथा वर्ष 2003 में आवर पऊयूचर क्लाइमेट ।
विश्व मौसम दिवस को मौसम निगरानी केंद्रों की स्थापना के लिए वैश्विक सहयोग को बढावा देने, हाइड्रोलॉजीकल व जियोफिजीकल निगरानी केंद्रों की स्थापना इन केंद्रो के पुनर्निमाण एवं रखरखाव तथा शोध के लिए उपकरण मुहैया कराने, मौसम में तेजी से आ रहे बदलावों और संबंधित सूचनाओ के लिए तंत्र की स्थापना एवं रखरखाव तथा मौसम व संबंधित निगरानी के लिए मानकीकरण व आंकड़ो तथा निगरानी से जुडी सूचनाओं के एकरूप आंकडों के प्रकाशन, मौसम की सूचनाओं के प्रयोग को जहाजरानी, विमानन, जल संबंधी समस्यायों, कृषि व अन्य मानवीय क्रियाकलापों में एवं इस क्षेत्र में शोध एवं प्रशिक्षण को बढावा देने आदि के रूप मे मनाया जाता है ।
इसके अलावा इस दिवस को लोगों की जलवायु के बदलते स्वभाव के बारे में समझ का विस्तार करना, पर्यावरण पर मौसम के प्रभाव और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के निपटारे के लिए उपाय सुझाने के रूप में भी मनाया जाता है। विश्व मौसम संगठन के क्रियाकलापों को जलवायु के क्षेत्र में आज महत्वपूर्ण् स्थान प्राप्त है । इस संगठन को मानवीय सुरक्षा को बढावा देने के अलावा सभी देशों के आर्थिक लाभ को बढाने के रूप में भी जाना जाता है ।