होकाइदो (जापान). एक बच्ची को स्कूल से लाने-छोड़ने के लिए जापान सरकार एक ट्रेन चला रही है, जो अपने आप में एक मिसाल बन गई है. एक तरफ़ जहां इसको सोशल मीडिया पर ख़ूब वाहवाही मिल रही है, तो दूसरी तरफ़ कुछ देशों के लिए एक सीख भी है. इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं, सोशल मीडिया पर एक शख़्स ने कमेंट किया है-
"क्यों न हम उस देश के लिए मरना पसंद करें, जो मेरे लिए इतना कुछ करता है."
इसके विपरीत भारत में तो बच्चे ऐसी सड़कों से स्कूल जाते हैं, वहां ये पता नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. इस वक़्त भी भारत में बहुत से गांवों के बच्चे ऊबड़-खाबड़ रास्ते से पैदल स्कूल जाते हैं, क्योंकि सड़कें ख़राब हैं, यातायात के साधन भी नहीं हैं, लेकिन जापान सरकार सिर्फ़ एक लड़की के लिए ट्रेन चला रही है, ताकि वह घर से स्कूल आ-जा सके.
ग़ौरतलब है कि जापान में कामी शिराताकी नाम का एक गांव हैं. इस गांव से कहीं आने जाने के लिए ख़ुद की गाड़ी के अलावा सिर्फ़ एक ट्रेन थी पर सरकार ने तीन साल पहले यहां के रेलवे स्टेशन को बंद करने का फ़ैसला लिया था. सरकार ने इसकी वजह वहां पर लोगों की कम आवाजाही को बताया, लेकिन जब रेलवे के अधिकारियों को पता चला कि उस गांव से एक लड़की पढ़ने जाती है और अगर यह ट्रेन बंद कर दी जाएगी, तो उस लड़की के लिए स्कूल में जाने आने के लिए परेशानी हो जाएगी.
अफ़सरों ने इसकी सूचना रेलवे मिनिस्ट्री को दी. सरकार ने फ़ौरन लड़की के लिए ट्रेन को दोबारा शुरू करने का ऑर्डर देते हुए कहा कि जब तक लड़की ग्रेजुएशन पास नहीं कर लेती, तब तक ट्रेन जारी रहेगी.
साथ ही सरकार ने ट्रेन का शेड्यूल भी लड़की के स्कूल की टाइमिंग पर ही कर दिया. जिस दिन स्कूल में छुट्टी होती है, उस दिन ये ट्रेन भी नहीं चलती. इसके बाद से रोज़ यह ट्रेन लड़की को लेकर स्कूल जाती है और दोबारा स्कूल से गांव पहुंचाती है. यह स्टेशन मार्च में बंद हो जाएगा, क्योंकि लड़की का ग्रेजुएशन कम्प्लीट हो जाएगा.