अब पासपोर्ट बनवाने के लिए महीनेभर इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में कुछ बदलाव किए हैं, जिससे आवेदनकर्ता को एक हफ़्ते के भीतर पासपोर्ट जारी कर दिया जाएगा.
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी करने के लिए चार प्रमुख दस्तावेज़ों को ज़रूरी बताया है, जिनमें आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र, पैन कार्ड और आपराधिक रिकॉर्ड न होने का हल्फ़नामा शामिल है. मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी करने से पहले होने वाले पुलिस सत्यापन को अब पासपोर्ट जारी होने के बाद किए जाने का प्रावधान किया है.
हालांकि पासपोर्ट जारी होने के बाद यदि पुलिस सत्यापन में कोई गड़बड़ी मिलती है, तो पासपोर्ट को रद्द या ज़ब्त कर दिया जाएगा. मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक़ इस सेवा के लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा.
वर्तमान में पासपोर्ट बनवाने में एक महीने का वक़्त लगता है. साथ ही पासपोर्ट जारी करने से पहले पुलिस सत्यापन किया जाता है. केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘यदि आप आधार, वोटर आईडी और पैन कार्ड की कॉपी के साथ आपराधिक मामला न होने का दस्तावेज़ देते हैं, तो हम पासपोर्ट जारी कर देंगे.’ हाल के सालों में पुलिस सत्यापन के समय में कटौती की गई है.
ग़ौरतलब है कि इससे पहले पुलिस सत्यापन में 49 दिन लगते थे, जो 2014 में घटकर 42 दिन कर दिया गया था. साल 2015 की शुरुआत में इस अवधि को 34 दिन और बाद में 21 दिन कर दिया गया. 31 दिसंबर 2015 तक 6.33 करोड़ भारतीयों के पास वैध पासपोर्ट थे. विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट आवेदकों को अब उनकी सहूलियत के हिसाब से अपॉइंटमेंट लेने की छूट भी दी है. इसके तहत कम से कम 5 दिन पहले तक का अपॉइंटमेंट लिया जा सकता है. वर्तमान में अपॉइंटमेंट का वक़्त पासपोर्ट सेवा केन्द्र तय करता था.
पासपोर्ट केंद्र द्वारा पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदक द्वारा दिए गए पहचान-पत्रों और दस्तावेज़ों की वैधता की जांच ऑनलाइन की जाएगी. यह सब प्रक्रिया पासपोर्ट के लिए आवेदन स्वीकार करने के पहले ही संपन्न की जाएगी. पासपोर्ट जारी कर दिए जाने के बाद यदि पुलिस सत्यापन में आवेदक द्वारा उपलब्ध कराए गई जानकारी में कुछ ग़लत पाया जाता है, तो पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा.