फ़िरदौस ख़ान
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जब भी देश से बाहर जाते हैं, तो एक हंगामा बरपा हो जाता है. भारतीय जनता पार्टी के नेता उनकी छुट्टियों पर तंज़ कसने लगते हैं, उनकी छुट्टियों के बारे में सौ सवाल पूछे जाते हैं.  देश का प्रधानमंत्री देश से कितने ही दिन बाहर क्यों न रहे, किसी को कोई परवाह नहीं, बस सबको राहुल गांधी की फ़िक्र है. राहुल गांधी देश से बाहर नहीं जाने चाहिए, सबकी नज़रों के सामने यहीं रहने चाहिए.

क़ाबिले-ग़ौर है कि 13 जून को उन्होंने ट्विटर पर लिखा, मैं अपनी नानी और परिवार से मिलने के लिए जा रहा हूं. कुछ दिन बाहर रहूंगा. हम साथ में अच्छा वक़्त बिताएंगे. चर्चा है कि वे अपने ननिहाल इटली के छोटे से शहर लुसिआना जा रहे हैं.

इससे पहले 31 दिसंबर 2016 को उन्होंने ट्वीट कर छुट्टी पर जाने की जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था, "अगले कुछ दिनों तक यात्रा पर रहूंगा. आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं. आप और आपके प्रियजन आने वाले इस साल में कामयाबी और ख़ुशियां हासिल करें. "
उस वक़्त देश में नोटबंदी चल रही थी. जनता नोटबंदी, महंगाई और भ्रष्टाचार से बेहाल थी. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने थे. उन्होंने चुनावी मुहिम शुरू कर दी थी. वे खाट सभाएं कर रहे थे, लेकिन वे चुनावी मुहिम बीच में ही छोड़ कर छुट्टियां मनाने के लिए लंदन चले गए थे. फिर वे 10 दिन बाद स्वदेश लौटे.

राहुल गांधी  साल 2015 में बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले फ़्रांस गए थे. उनकी फ़रवरी 2015 की छुट्टियां सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रहीं. वे अचानक विदेश चले गए और जब वे 57 दिन बाद दिल्ली लौटे तो पता चला कि वह बैंकाक और म्यामांर गए थे. वहां उन्होंने ध्यान करना भी सीखा. इससे पहले वे
नवंबर 2014 में विदेश गए थे. तब संसद तक में उनकी छुट्टी पर सवाल उठाए गए थे, तब कांग्रेस ने कहा था कि वे एक सेमिनार में शिरकत करने के लिए अमेरिका गए हैं. वे साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी विदेश गए थे. उस दौरान उन्हें एक खुली जीप पर राहुल गांधी की तस्वीर ने सुर्खि़यां बटोरी थीं. तस्वीर शेयर करने वाले का दावा था कि यह तस्वीर रणथंभौर के नेशनल पार्क की है. हालांकि कांग्रेस की तरफ़ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं थी. राहुल गांधी जून 2013 में भी छुट्टियां मनाने के लिए विदेश गए थे. उस वक़्त उत्तराखंड बाढ़ से जूझ रहा था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. उससे पहले वे 2012 में नये साल की छुट्टियां मनाने फ्रांस गए थे.

राहुल गांधी का छुट्टियों पर जाना शायद इसलिए भी सुर्ख़ियों में रहता हैं, क्योंकि वे अकसर ऐसे वक़्त विदेश जाते हैं, जब देश में उनकी ज़्यादा ज़रूरत महसूस की जा रही है. हाल-फ़िलहाल की बात करें, तो मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर गोली चलाकर उन्हें मारने के बाद से देश में किसान आक्रोश में हैं. ख़ुद राहुल राहुल गांधी पीडि़त किसानों से मिलने गए और उन्हें हिम्मत दिलाई, दिलासा दिया कि वे और कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ हैं. ऐसे में जब देशभर के किसानों को उनकी ज़रूरत है, तो ऐसे में उनका बाहर जाना खलता ज़रूर है.

हैरत तो तब होती है, जब सरकार में बैठे लोग राहुल गांधी के बारे में सवाल पूछते हैं कि वे कहां गए हैं और कब आएंगे. जगज़ाहिर है कि राहुल गांधी की सुरक्षा का ज़िम्मा विशेष सुरक्षा दल यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को मिला हुआ है. इस लिहाज़ से सरकार को इस बात की पूरी जानकारी रहती है कि राहुल गांधी कब और कहां गए हैं, कब आएंगे. ऐसे में उनकी छुट्टियों पर सवाल उठाना सही नहीं है. और लोगों की तरह उन्हें भी छुट्टियों पर जाने का हक़ है. वे कब और कहां छुट्टियां मनाने जाएंगे इसका अख़्तियार भी उन्हें है. इसलिए किसी की ज़ाती ज़िन्दगी में दख़्ल देना अख़्लाक़ के ख़िलाफ़ है.

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं