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नई दिल्ली. सामान्य तरीके से व्यक्ति के शरीर को रोजाना 5-20 एमजी एल्यूमीनियम की रोजाना जरूरत होती है, लेकिन अधिक एंटासिड्स में एल्यूमीनियम हाइड्रॉक्साइड की मात्रा 80 एमजी से अधिक होती है। ऐसे एंडासिड्स को नियमित तौर पर इस्तेमाल करने वालों में एनीमिया, एपथॉस अल्सर, ऑस्टियोपोरोसिस, पैथालॉजिकल फ्रेक्चर, एंडोजीनस डिप्रेशन, याददाश्त में कमी ओर यूरीनरी इनकांटीनेंस और क्रोनिक रीनल फेल्येर का खतरा होता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और ईमेडिन्यूज के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक ये एल्यूमीनियम टॉक्सिसिटी के लक्षण होते हैं। सोडियमय मीटा सिलिकेट, सिलिसिक एसिड का एक आइसोमर होता है जिससे रीनल एक्सक्रीशन से शरीर में एल्यूमीनियम का लोड कम होता है।

क्या विनीगर धमनियों के लिए अच्छा है?
इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन कुछ अध्ययनों में दिखाया गया है कि मानव में जो रोजाना साइडर विनीगर की डोज लेते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज को काबू करने यानी ब्लड षुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। एसिटिक एसिड से विनीगर मिलता है जिसकी अलग खुशबू और खट्टा स्वाद होता है। एसिटिक एसिड का सिंथेटिक कजिन ईडीटीए एक चीलेटिंग एजेंट होताहै और इसका इस्तेमाल सीसा, मर्करी या आइरन पॉइजनिंग में किया जाता है। डयूबीयस प्रेक्टिस, चीलेशन थेरेपी में ईडीटीए को बार बार प्रयोग किया जाता है ताकि धमनियों को साफ किया जा सके और कोलेस्ट्रॉल भरकर प्लेक को डिजाल्व किया जा सके। ऐसा बेहतर सोच के चलते किया जाता है, न कि ऐसा विज्ञान कहता है।

सेब से मिलने वाला विनीगर भी भोजन, सॉस और ड्रेसिंग्स का एक तत्व होता है। बहुत ज्यादा लेने से ब्लड पोटेशियम स्तर कम हो जाता है। सीधे सेब से साइडर विनीगर लेने से आपके दांतों से इनेमेल साफ हो सकते हैं।


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