स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली.
भारतीय मौसम विभाग अपने पर्यवेक्षण तंत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है। इसके लिए वह पूरे देश में अपने पुराने तथा पांरपरिक रेडारों के स्थान पर चरणबध्द तरीके से एस-बैंड वाले डॉप्लर मौसम रेडारों को लगा रहा है। यह रेडार दिल्ली तथा इसके आसपास के इलाके में ख़राब मौसम की जानकरी देने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभएगा।
डॉप्लर रेडार को देशभर में 15 स्थानों पर लगाया जा रहा है। ये स्थान दिल्ली, मुम्बई, पुणे, गोवा, पटियाला, मोहनबाड़ी, डिब्रुगढ़, लखनऊ, पारादीप, करैकल, कोच्चि, भोपाल, नागपुर और अगरतला हैं।

डॉप्लर मौसम रेडार  पारंपरिक रेडारों से अधिक लाभदायक है, जैसे
  • पारंपरिक रेडार केवल परावर्तन द्वारा ही सूचना देता है जबकि डॉप्लर मौसम रेडार परावर्तन के अतिरिक्त वैलोसिटी तथा स्पैक्ट्रल विड्थ पर सूचनाएं देता है।
  • मौसम, जल तथा उड्डयन संबंधी विभिन्न आंकडे जो डॉप्लर रेडार द्वारा तैयार किये गये है वे तूफानों के केंद्र, उसकी गति, स्थिति और भविष्य में उसके रास्ते तथा विमानों एवं जहाजों की आवाजाही के सुरक्षित मार्ग के बारे में अनुमान लगाने, में काफी उपयोगी हैं।
  • डॉप्लर मौसम रेडार मौसम की सटीक जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • डॉप्लर मौसम रेडार द्वारा किये गये वेलोसिटी तथा परावर्तन के डिजीटल आंकडे अंकीय मौसम पूर्वानुमान लगाने में उपयोगी है।

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं