सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्ली. लौकी या कद्दू के रस का असर इन्सुलिन जैसा होता है। इससे मधुमेह के मरीज को अपने ब्लड शुगर को काबू रखने में मदद मिलती है।
नई दिल्ली. लौकी या कद्दू के रस का असर इन्सुलिन जैसा होता है। इससे मधुमेह के मरीज को अपने ब्लड शुगर को काबू रखने में मदद मिलती है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने चीन के शोधकर्ताओं का हवाला देते हुए बताया कि पशुओं पर मधुमेह में ड्रग के तौर पर लौकी या कद्दू के रस को दिया गया ओर इससे उनमें ब्लड ग्लूकोज स्तर कम हुआ, इन्सुलिन सीक्रीशन बढ़ा व बीटा कोषिकाओं से इन्सुलिन अधिक बनता है बनिस्बत उन मधुमेह ग्रसित चूहों के जिनको यह रस नहीं दिया गया।
लौकी या कद्दू का रस मधुमेह होने वाले और जो मधुमेह से ग्रसित हैं, दोनों में ही यह बहुत अधिक फायदेमंद है। लौकी या कद्दू के रस को एषिया में मधुमेह और हाई ब्लड ग्लूकोज में उपचार के तौर पर काफी प्रयोग किया जाता है। पशुओं पर किये गये अध्ययन में दिखाया गया है कि मधुमेह से ग्रसित चूहों के रक्त में सामान्य चूहों की तुलना में 41 फीसदी इन्सुलिन कम पाया गया, उन्हें लौकी या कद्दू के रस को 30 दिन तक दिया गया जिससे ब्लड शुगर रेगुलेटिंग हार्मोन का स्तर 36 फीसदी बढ़ गया और लौकी या कद्दू का रस 30 दिन तक देने के बाद मधुमेह से ग्रसित चूहों का ब्लड ग्लूकोज स्तर गैर मधुमेह वाले चूहों जितना हो गया।