चांदनी
नई दिल्ली. रजोनिवृत्ति के बाद की सभी महिलाओं को चाहिए कि वे अपना इंसुलिन स्तर सामान्य बनाए रखें जिसके लिए वे वज़न में कमी, नियमित व्यायाम और अन्य तरीके अपना सकती हैं।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल  के मुताबिक़   रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में जिनका इंसुलिन स्तर बहुत ज्यादा घटता बढ़ता रहता है, उनमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर फ्रॉम रिसर्चर्स, एल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन, येशिवा यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्त के इंसुलिन स्तर और स्तन कैंसर के बीच गहरा संबंध है। शोधकर्ताओं ने 5,540 महिलाओं पर परीक्षण किया और उनहोंने पाया कि जिनका इंसुलिन स्तर सबसे ज्यादा था उनमें स्तन कैंसर दो गुना ज्यादा हुआ बनिस्बत उनके जिनका इंसुलिन स्तर सबसे कम था।

इंसुलिन स्तर और स्तन कैंसर के बीच का संबंध मोटी महिलाओं में भी देखा गया जिनमें अक्सर इंसुलिन स्तर ज्यादा रहता है। षोध इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें दर्शाया गया है कि रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में इंसुलिन स्तर स्तन कैंसर के लिए आशंकित तथ्य है जो कि मोटापे से बिल्कुल अलग है।


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