स्टार न्यूज़ एजेंसी
सीतापुर (उत्तर प्रदेश).  रिएसा के मवेशीबाजार मैदान में सभा को संबोधित करने पहुंचे राहुल गांधी की नज़र क़रीब छह साल के बच्चे पर गई, जो उन्हें सुनने के लिए बैठे हुए हज़ारों लोगों की भीड़ में खड़ा होकर एकटक उन्हें देख रहा था. अचानक ही राहुल गांधी ने सुरक्षा जवानों से उस बच्चे को मंच पर बुलाने के लिए कहा. जब सुरक्षा जवान उस बच्चे को बुलाने के लिए भीड़ में पहुंचे तो शुरू में बच्चे ने काफ़ी संकोच किया, लेकिन अपने परिजनों और बाक़ी लोगों द्वारा उसके लिए ताली बजाए जाने पर बच्चे ने हिचकते हुए सभा के मंच पर बैठे हुए कांग्रेस महासचिव की ओर धीरे-धीरे अपने क़दम बढ़ाए. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उस बच्चे को गोद में उठाकर सुरक्षा घेरे के दूसरी तरफ़ मौजूद एसपीजी कमांडो के साथ मंच तक पहुंचाया. राहुल गांधी ने उस बच्चे को अपने साथ वाली कुर्सी पर बैठाकर उससे काफ़ी देर तक बात की. इसके बाद उन्होंने बच्चे की हेलीकॉप्टर को नज़दीक से देखने की इच्छा पूरी करने के लिए एसपीजी जवानों के साथ उसे हेलीकॉप्टर की ओर भेज दिया.
राहुल गांधी ने सीतापुर ज़िले की इस विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने उस बच्चे से उसके भविष्य के सपनों के बारे में बात की, जिसका उस बच्चे के पास कोई उत्तर नहीं था. उन्होंने उत्तर प्रदेश की बदहाल व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए विरोधी दलों पर कटाक्ष किया और कहा कि इस बच्चे को इसके भविष्य के बारे में कुछ भी नहीं पता, क्योंकि यह बच्चा जानता है कि उत्तर प्रदेश का यही हाल रहा तो बड़े होने के बाद इसे अपने ही प्रदेश में रोज़गार तक नसीब नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पढ़ाई इंग्लैंड में की, लेकिन मै वहां रहकर इतना नहीं सीख पाया, जितना मैंने उत्तर प्रदेश की जनता से सीखा है. उन्होंने जनता से कहा कि आप लोग सोचते हो कि आपके नेताओं को आपसे ज़्यादा समझ है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. असली समझ तो आप लोगों को है.
राहुल गांधी ने लखनऊ में बैठे जादू के हाथी की ख़ुराक पर उंगली उठाते हुए कहा कि दिल्ली से जनता के विकास के लिए भेजा जाने वाला सारा पैसा वही जादू का हाथी खा जाता है. मुलायम सिंह को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन कुछ नहीं किया. पुलिस स्टेशनों में उस वक़्त गुंडाराज था, लोगों की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती थी.
उन्होंने कहा कि चार बार मायावती और तीन बार ही बीजेपी के लोगों ने प्रदेश की सत्ता संभाली, लेकिन किसी ने भी उत्तर प्रदेश का विकास नहीं किया, क्योंकि ये लोग सपने नहीं देखते, जबकि मैं सपने देखता हूं कि किसी भी व्यक्ति को काम की तलाश में उत्तर प्रदेश से बाहर दूसरे राज्य में नहीं जाना पड़े.
राहुल गांधी ने सभी विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 22 सालों में उत्तर प्रदेश में कोई कारख़ाना  नहीं लगा और कहते हैं कि बिजली देंगे. उन्होंने सवाल किया कि क्या बिजली आसमान से लाएंगे? विपक्षी आसमान का रंग भी बदलकर हरा करने को तैयार हो जाएंगे. लेकिन जिस दिन सरकार बन जाएगी, उस दिन के बाद आपके पास नहीं आएंगे. सब कुछ भूल जाएंगे.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 2004 में एनडीए ने ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा दिया. वे नारों की बात इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि नारों से ही पार्टी की सोच झलकती है और उस सोच को समझना पड़ता है. राहुल गांधी ने कहा कि एनडीए के नेता आप लोगों के बीच नहीं आए, आपसे बात नहीं की, बस एक चमकते हुए सूट को देखकर अपना नारा तैयार कर लिया और कह दिया कि हिंदुस्तान चमक रहा है. अगर उनके नेता जनता के बीच गए होते और उनकी हालत देखी होती तो उन्हें यह बात बोलने में शर्म आती.
उन्होंने कहा कि 2004 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम सबसे पहले आपके पास आए और आप लोगों से बात करके मनरेगा योजना लागू की और काम करने वाले हर व्यक्ति को साल में 100 दिन तक 120 रुपये के हिसाब से 12 हज़ार रुपये देने का क़ानून बनाया. यह योजना कांग्रेस पार्टी की सोच नहीं थी और न ही पत्रकारिता जगत की. यह सोच आम आदमी की थी, जिसने हमें बताया कि गांव में भी शहरों की तरह रोज़गार मिलना चाहिए. उसके बाद हमने किसानों से बात की. किसानों ने हमें बताया कि उनके लिए बैंक के दरवाज़े बंद पड़े हैं. इसके बाद हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ माफ़ किया और एक बार फिर किसानों के लिए बैंक के दरवाज़े खोले. हमने यह सब बंद एसी कमरों में बैठकर नहीं किया, इसके लिए हम आप लोगों के पास आए, आपसे पूछा.
राहुल गांधी ने सपा और बसपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब बुंदेलखंड में सूखा पड़ा था और हज़ारों किसान बदहाल थे, वहां से लगातार पलायन हो रहा था, तो वहां समाजवादी पार्टी के लोग नहीं गए. उन्होंने कहा कि मैंने मायावती जी से भी कहा कि एक बार वहां जाकर किसानों की हालत देखिए, लेकिन राहुल गांधी ने यह बात कही, इसलिए उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री वहां नहीं गईं, सिर्फ़ कांग्रेस के लोग वहां गए. हमने इस बारे में प्रधानमंत्री जी से भी बात की और उन्होंने तुरंत हज़ारों करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया.
मयावती जी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं, क्या किसी ने भी पिछले 5 सालों में उन्हें किसी गांव में देखा है?  इस पर वहां मौजूद जनता ने एक सुर में जवाब दिया, नहीं. उन्होंने कहा कि मायावती जी के घरों में 20-20 फुट ऊंची दीवारें हैं और वह हमेशा ही अपने घर के अंदर रहती हैं. जब वह कभी घर से बाहर ही नहीं निकलतीं, तो प्रदेश में विकास कैसे होगा? उत्तर प्रदेश में नेता मुख्यमंत्री बन जाते हैं और बाद में जनता को भूल जाते हैं. अगर ग़रीब के घर जाएं, वहां एक रात सोएं और मच्छर रात भर काटें, तो उन्हें समझ में आ जाए कि ग़रीब को किस तरह से रहना पड़ता है.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने जनता को मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, सूचना का अधिकार, बुंदेलखंड पैकेज, बुनकर पैकेज दिया और अब हम जनता को खाने का अधिकार देना चाहते हैं, जिसके तहत उन्हें 35 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा. लेकिन इंडिया शाइनिंग वाले नेता संसद में सवाल कर रहे हैं कि पैसा कहां से आएगा? राहुल गांधी ने कहा कि मैं यही सवाल उन नेताओं से करता हूं कि वो बताएं पैसा कहां से आया?  तरक्क़ी कहां से आई?
उन्होंने कहा कि जब आप लोग किसी राज्य में काम करते हो तो वहां का विकास होता है और उस विकास के ज़रिये सरकार को टैक्स मिलता है, जो आप ही का पैसा होता है. हम आपका पैसा आप ही तक वापस भेजने का काम करते हैं. उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, इसलिए यहां सबसे ज़्यादा पैसा भेजते हैं.
मायावती जी कहती हैं कि यह कांग्रेस का नाटक है. हम खाने का अधिकार देने की बात कर हैं. हम कह रहे हैं कि देश में तरक्क़ी हुई है. सरकार के पास पैसा आ गया है. अब ग़रीबों को भोजन भी दिया जाना चाहिए, ताकि कोई भी भूखा न रहे. इस पर मायावती जी कहती हैं कि कांग्रेस पार्टी का नाटक है. हज़ारों करोड़ देना नाटक है. अगर ग़रीबों के हित की बात करना, उनके भले के लिए सोचना नाटक है, तो हम हमेशा यह नाटक करते रहेंगे.
आरक्षण के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सच्चर कमीशन की स्थापना की और उसकी रिपोर्ट के बाद मुस्लिम वर्ग के लोगों के विकास के लिए पैसा भेजा, बच्चों के लिए छात्रवृति भेजी, लेकिन किसी को नहीं मिली. जब कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण दिया तो मायावती जी ने कह दिया कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी थी. राहुल गांधी ने कहा कि मायावती जी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं, उन्हें इसके लिए चिट्ठी लिखने की क्या ज़रूरत है, वह यह काम ख़ुद भी कर सकती थीं. मुलायम सिंह जी कहते हैं कि आरक्षण कम दिया गया, ज़्यादा देना चाहिए था. जब पत्रकारों ने उनसे शुरू में पूछा था तो उस वक़्त वह कुछ नहीं बोले, जब कांग्रेस पार्टी ने दे दिया, तो कह रहे हैं कि कम दिया, ज़्यादा देना चाहिए था.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 2009 में समाजवादी पार्टी ने समझौते का प्रस्ताव देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल 5 सीटों पर ही चुनाव लड़े और बाक़ी सीटें समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दे. इसके एवज में सपा दिल्ली की सरकार को समर्थन देगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनसे कोई समझौता नहीं किया. क्योंकि कांग्रेस पार्टी विकास के ख़िलाफ़ समझौते नहीं करती और न ही करेगी. इसके बाद उन्होंने कल्याण सिंह को गले लगा लिया.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां उत्तर प्रदेश को बदलने आया हूं और जब तक यह प्रदेश बदलेगा नहीं, मैं यहीं खड़ा रहूंगा. उन्होंने कहा कि मैं 2007 से राजनीति कर रहा हूं और अभी तक आप लोग मुझे पूरी तरह से पहचान नहीं पाए हो. अभी आप लोगों ने मुझे थोड़ा ही पहचाना है, काफ़ी पहचानना अभी बाक़ी है. उन्होंने कहा कि आप लोग मेरे शब्दों पर विश्वास न करें, मेरे काम पर विश्वास करें. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मैं सपनों की बात करता हूं. सपने देखे बिना कुछ नहीं हो सकता. जो लोग अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़े, उन्होंने भी अंग्रेजों को देश से भगाने का सपना देखा था और भगा दिया. अब उत्तर प्रदेश के युवाओं को भविष्य की बात करनी है. जिस दिन उत्तर प्रदेश खड़ा हो गया, उस दिन सारी दुनिया उत्तर प्रदेश को देखेगी.

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