स्टार न्यूज़ एजेंसी
लखनऊ (उत्तर प्रदेश). कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2012 के लिए आज अपना घोषणा-पत्र जारी किया. घोषणा-पत्र स्पष्ट यह बताने की कोशिश की गई है कि उत्तर प्रदेश में विकास बहाल करने के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकार ज़रूरी है. यह क़ानून-व्यवस्था, सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, खाद्य सुरक्षा, विद्युत, सड़क, कृषि, उद्योग और व्यापार, शहरी और ग्रामीण विकास, पर्यावरण और जल सहित 26 विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से विस्तृत प्रतिबद्धताओं को पेश करता है. घोषणा पत्र समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से ग़रीबों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, विशेष रूप से अति दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), विशेष रूप से सबसे पिछड़े वर्गों (एमबीसी) और अनुसूचित जनजातियों की ज़रूरतों पर ख़ास ज़ोर देता है.
अपने घोषणा पत्र में की गई प्रतिबद्धताओं के प्रति गंभीरता प्रदर्शित करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय में एक विशेष चुनाव घोषणा-पत्र कार्यान्वयन प्रकोष्ठ स्थापित करेगी और अपने काम के आधार पर हर साल अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करेगी.
घोषणा-पत्र वरिष्ठ राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय नेताओं द्वारा हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में उत्तर प्रदेश के 10 शहरों में जारी किया गया. घोषणा-पत्र पार्टी की उत्तर प्रदेश चुनाव वेबसाइट http://www.congressforup.org/ पर भी उपलब्ध है.

कांग्रेस चुनाव घोषणा-पत्र के कुछ ख़ास बिंदु

क़ानून-व्यवस्था
(क) पुलिस स्टेशनों को हर नागरिक के लिए सुलभ बनाना और पुलिस स्टेशनों में सूचना पटल के साथ संवेदनशील पुलिसिंग सुनिश्चित करना.
(ख) हर ज़िले में कम से कम एक महिला पुलिस स्टेशन को सुनिश्चित करना और हर समय, हर पुलिस स्टेशन में कम से कम एक महिला अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करना.
भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन
(क) लोकायुक्त की स्वतंत्रता और दक्षता बढ़ाना तथा मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के दायरे में लाना.
(ख) प्रति वर्ष मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के सभी मंत्रियों एवं उनके परिवार के सदस्यों की आमदनी और सम्पत्तियों के विवरण का प्रकाशन सुनिश्चित करना.
(ग) प्रत्येक सरकारी कार्यालय में प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना. राज्य शिकायत निवारण आयोग स्थापित करना. यह सुनिश्चित करना कि हर सरकारी कार्यालय में एक प्रभावी नागरिक चार्टर हो.
शिक्षा
(क) ‘हर घर में पढ़ाई’ सुनिश्चित करने के लिये हर गांव में एक स्कूल और प्रत्येक 2500 परिवारों पर एक इंटरमीडिएट कॉलेज (इंटर कॉलेज) सुनिश्चित करना.
(ख) ग़रीबी रेखा से नीचे (बीपीएल), अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग (विशेष रूप से अति पिछड़े वर्ग) के छात्रों के लिए आंध्र प्रदेश मॉडल पर आवासीय विद्यालय की शुरुआत करना.
(ग) उत्तर प्रदेश में 500 नए मॉडल स्कूलों की शुरुआत करना जो यूपीए सरकार की राष्ट्रीय नीति के तहत होंगे.
(घ) 1 लाख से ज़्यादा शैक्षणिक रिक्तियों को भरना सुनिश्चित करना, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिले.
स्वास्थ्य
(क) यह सुनिश्चित करना कि हर गांव में पैदल दूरी पर चालू हालत में कार्यशील नागरिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी/सीएचसी) डॉक्टर के साथ उपलब्ध हों।
(ख) प्रदेश भर के हर ज़िला अस्पताल का उन्नयन एवं आधुनिकीकरण.
(ग) राज्य भर में प्रभावी और सक्षम आपात एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराना.
रोज़गार
(क) राज्य के युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल और रोज़गार मिशन की शुरुआत करना. अगले 5 वर्षों में इस मिशन के माध्यम से 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना और नौकरियों में रखना.
(ख) उत्तर प्रदेश में आईटीआई और पॉलिटेक्निक प्रणाली का व्यापक सुधार और इसमें बीपीएल, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग (विशेष रूप से अति पिछड़े वर्ग) के युवाओं पर विशेष ध्यान देना.
खाद्य सुरक्षा
(क) भुखमरी के खात्मे के लिए यूपीए सरकार द्वारा पेश नया खाद्य सुरक्षा विधेयक लागू करना.
(ख) राज्य में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का पुनर्गठन.
(ग) मध्याह्न भोजन योजना के वितरण में सुधार, यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चे को पोषक तत्वों जैसे लौह तत्व एवं पेट के कीड़े मारने की गोलियों सहित गर्म और पका हुआ भोजन मिले.
महिला
(क) यह सुनिश्चित करना कि अगले 5 वर्षों में ग़रीबी रेखा से नीचे की सभी ग्रामीण महिलाओं को बैंक से जुड़े स्वयं सहायता समूह का सदस्य बनाया जाए. 
(ख) उत्तर प्रदेश में राज्य महिला बैंक/कोष की स्थापना, जो महिला स्वयं सहायता समूह, महिला संगठनों और महिला उद्यमियों को आसान ऋण दे सके.
अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण
(क) अति-दलितों के लिए उप-कोटा संभावनाओं का अन्वेषण, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में और अधिक अवसर मिल सकें.
(ख) सभी अनुसूचित जाति के ग्रामीणों को मुफ्त क़ानूनी सहायता उपलब्ध कराना, जो भूमि, भवन और संपत्ति से संबंधित मामलों का सामना कर रहे हैं.
(ग) पूरे उत्तर प्रदेश में लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए दलित छात्रावास (दलित हॉस्टल) का सुधार, जो बसपा सरकार में पूर्ण उपेक्षा का शिकार हैं.
अति पिछड़े वर्ग सहित अन्य पिछड़ा वर्ग
(क) जनसंख्या के अनुरूप अति पिछड़े वर्गों के लिए उप-कोटा की शुरुआत.
(ख) राज्य सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़े वर्ग कोटा के तहत सभी रिक्तियों को भरना सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान.
अल्पसंख्यक
(क) केंद्र सरकार की अन्य पिछड़े वर्ग श्रेणी के अंतर्गत सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों के लिए 4.5 प्रतिशत आरक्षण नीति के पूर्ण और समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों के लिए जनसंख्या के अनुरूप उप-कोटा/आरक्षण देने का लक्ष्य.
(ख) पूरे प्रदेश में अल्पसंख्यक शिक्षा और कौशल विकास के लिए एक नई सक्रिय नीति, जिसमें अल्पसंख्यक शिक्षकों की भर्ती, छात्रवृत्ति, व्यावसायिक प्रशिक्षण और नए स्कूलों की स्थापना के माध्यम से बढ़ावा देना.
सामाजिक न्याय
(क) उत्तर प्रदेश में ‘संपूर्ण वित्तीय समावेशन’, जिसके ज़रिये हर नागरिक को बैंक खाता, आसान ऋण और ग़रीबों को सूदखोरों के चंगुल से मुक्ति मिले.
(ख) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जाने वाली ख़रीद में कम से कम 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक स्वामित्व वाले उद्यमों से हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा. यह केंद्र सरकार की 7000 करोड़ रुपये की अधिमानी ख़रीद नीति के अतिरिक्त होगी.
आधारभूत संरचना
(क) उत्तर प्रदेश में प्रत्येक बीपीएल, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों के घरों में रोशनी पहुंचाने के लिए मुफ़्त मीटरयुक्त विद्युत संयोजन उपलब्ध कराना.
(ख) यूपीए सरकार की फ्लैगशिप योजना राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के ज़रिये उत्तर प्रदेश में शत प्रतिशत ग्रामीण घरों तक बिजली संयोजन.
(ग) पांच सालों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत उत्तर प्रदेश के सभी गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना.
(घ) प्रत्येक ब्लॉक को नियमित बस सेवा के ज़रिये ज़िला मुख्यालय से जोड़ने के लिए राज्य बस नेटवर्क को उन्नत किया जाएगा.
(ङ) बुंदेलखंड पैकेज की तर्ज़ पर राज्य के पिछड़े इलाक़ों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष पैकेज.
कृषि
(क) राज्य सरकार द्वारा भुगतान दरों में बढ़ोत्तरी, ताकि किसानों को अपने उत्पाद की सबसे अच्छी क़ीमत मिल सके.
(ख) अधिकाधिक किसान-सुलभ बनाने के लिए मंडी प्रणाली में सुधार. सरकारी ख़रीद प्रणाली को आधुनिक बनाना, ताकि किसान फ़सल सीधे बेच सकें, बर्बादी घटे और उन्हें फ़सल की अधिक क़ीमत मिले.
(ग) किसानों को आसानी से 6 फ़ीसदी ब्याज दर पर कृषि ऋण मिलना सुनिश्चित किया जाएगा. 
(घ) किसानों को सही समय और क़ीमत पर रबी और ख़रीफ़ दोनों मौसमों में सही उर्वरक मिलना सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक वितरण प्रणाली में व्यापक सुधार.
(ङ) जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नई सिंचाई नीति की शुरुआत, ताकि हर किसान को जल की प्रभावी उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.
(च) कृषि के प्रमुख क्षेत्रों-दाल, बाग़वानी खाद्य तेल में विकास को गति देने के मक़सद से अलग से विशेष ‘मिशनों’ की शुरुआत.
(छ) दुग्ध उत्पादों के मामले में उत्तर प्रदेश को दुग्ध आधिक्य राज्य बनाने तथा छोटे व सीमांत किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अमूल की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश दुग्ध मिशन की शुरुआत.
औद्योगिक विकास
(क) राज्य में सार्वजनिक और निजी निवेश के लिए सूक्ष्म, लघु और मझोले (एमएसएमई) उद्यमों पर विशेष ध्यान देते हुए नई औद्योगिक नीति की शुरुआत.
(ख) नई तकनीक का प्रवाह कर पारंपरिक समूहों को बढ़ावा देने और नए समूहों की स्थापना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक पुनरुद्धार. उत्तर प्रदेश भर में 40 से अधिक समूहों का निर्माण या आधुनिकीकरण किया जाएगा.
शहरी एवं ग्रामीण विकास
(क) तीन सालों में राज्य के सभी भू-अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण.
(ख) दिल्ली मेट्रो रेल के सफल मॉडल की तर्ज़ पर लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, वाराणसी और इलाहाबाद में विश्वस्तरीय सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का निर्माण.
पर्यावरण एवं जल
(क) पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक अधिकार संपन्न मिशन ‘स्वच्छ उत्तर प्रदेश’ की शुरुआत.
(ख) नदियों की सफ़ाई के काम की युद्ध स्तर पर शुरुआत, ख़ास तौर पर गंगा, यमुना, गोमती, सरयू, घाघरा समेत दोआब क्षेत्र की नदियों की सफ़ाई.


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