नई दिल्ली. ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे सैन्य तनाव के बीच ईरानी सेना ने 73 भारतीय नागरिकों को गिरफ़्तार किया है. इन पर इज़राइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने और ईरान में आक्रामक हथियार प्रणालियों की स्थापना में सहयोग करने का आरोप है. अरब न्यूज़ के हवाले से बताया गया कि मध्य ईरानी शहर यज़्द में पांच भारतीय नागरिकों को मोसाद एजेंटों की तस्वीरें लेते और इज़राइल के साथ सहयोग करते हुए पकड़ा गया. इनके पास से संदिग्ध उपकरण और दस्तावेज़ भी बरामद किए गये हैं, जो कथित तौर पर ईरान की सुरक्षा के लिए ख़तरा थे.
ईरानी अधिकारियों का दावा है कि ये सभी गिरफ़्तार भारतीय नागरिक मोसाद के लिए जासूसी गतिविधियों में शामिल थे. इनमें से कुछ लोग तेहरान के पास विस्फोटक ड्रोन बेस स्थापित करने में मदद कर रहे थे.
इस ऑपरेशन को वर्षों की योजना, ख़ुफ़िया जानकारी और ईरान के भीतर ख़ुफ़िया गतिविधियों का हिस्सा बताया जा रहा है. मोसाद ने कथित तौर पर उन्नत तकनीकों और विशेष बलों का उपयोग करते हुए यह नेटवर्क तैयार किया था. गिरफ़्तार भारतीयों पर आरोप है कि वे संवेदनशील जानकारी जैसे सैन्य ठिकानों की तस्वीरें और रणनीतिक स्थानों के मानचित्र इज़राइल को मुहैया करा रहे थे.
यह गिरफ़्तारी ऐसे वक़्त में हुई है, जब इज़राइल ने ईरान के ख़िलाफ़ अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसका मक़सद ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकना था. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि इस हमले के पीछे मोसाद की ख़ुफ़िया गतिविधियों का बड़ा योगदान था, जिसमें भारतीय नागरिकों की कथित संलिप्तता भी शामिल है. पकड़े गये लोगों पर आरोप है कि उन्होंने इज़राइल को रणनीतिक जानकारी मुहैया कराई, जिसने हवाई हमले की योजना को आसान बनाया.
इस घटनाक्रम के बाद भारत ने ईरान और इज़राइल में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइज़री जारी की है. तेहरान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर कहा- “ईरान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सभी भारतीयों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय अधिकारियों के सुरक्षा निर्देशों का पालन करें.” वहीं, तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने भी इज़राइल में रह रहे भारतीयों को होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.
तस्वीर 'एक्स' से साभार