कश्मीर-वार्ता !
असफल होने को होती है, कोई नहीं स्वीकारता !!
वार्ता इस बार असफल नहीं !
नेता जो शामिल होने हैं, उन पर स्यासी अकल नहीं ??
कल्याण अलग दल बनाएंगे !
इस दल का भी भट्टा बैठा, तब वे बसपा में जाएंगे ??
अपराध-समीक्षा !
शुरू करें या अभी और, अपराध-वृद्धि की करें प्रतीक्षा ??
महंगाई पर चिंता !
ऐसी चिंताओं को शासन, चिंता करने में नहीं गिनता !!
एकजुटता !
एक साथ लुटने से बैटर, एक अदद कोई भी लुटता !!
धन-बल !
मूंगफली की तरह जेब में, जो खरीद कर रखे अकल !!
कालाबाज़ारी !
इतनी रक़म भेज दो थाने, बाकी सब हो गयी हमारी !!
तालिबान !
गोली की भाषा के ज्ञाता, रखते गोली भरी ज़ुबान !!
अफगानिस्तान !
अपनी धरती पर चुप रहकर, अमरीका की बातें मान !!
हामिद करजई !
ओबामा से तालिबान के, बारे में क्या बोले, क्यों भई ??
-अतुल मिश्र
ज़िन्दगी
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हमने ज़िन्दगी में जो चाहा वह नहीं मिला, लेकिन उससे कहीं ज़्यादा मिला. ज़मीन
चाही, तो आसमान मिला... इतना मिला कि अब कुछ और चाहने की 'चाह' ही नहीं रही.
* ज़िन...