स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. देशभर में आज 61वां गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया. नई दिल्ली में आयोजित मुख्य समारोह के दौरान घने कोहरे के बीच राजपथ पर सुनाई दे रहे...'सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा' ने सबको देशभक्ति के जज़्बे से भाव-विभोर कर दिया. क़दम से क़दम मिलाती सेना सेना की टुकड़ियों की परेड भी देश की शक्ति का प्रदर्शन कर रही थीं. विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों को दर्शाती झांकियों ने भी सबका मन मोह लिया.
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमर जवान ज्योति पर शहीद हुए बहादुर जवानों को देश की तरफ़ से श्रद्धासुमन अर्पित किए. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने यहां राष्ट्रध्वज फहराकर परेड का शुभारंभ किया. समारोह में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य और देश के तमाम शीर्ष राजनेता, सैन्य अधिकारी व विदेशी राजनयिक भी समारोह में शामिल हुए.
गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनज़र राजधानी क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. विजय चौक से लेकर लाल किले तक परेड के आठ किलोमीटर रास्ते के चप्पे-चप्पे पर निगाह रखने के लिए 15 हजार जवान तैनात किए गए थे. इसके अलावा एनी महत्वपूर्ण स्थानों की भी निगरानी की जा रही थी.
उधर, श्रीनगर के लाल चौक में 19 साल में पहली बार आज गणतंत्र दिवस पर तिरंगा नहीं फहराया गया. साल 1991 के बाद हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर लालचौक के घंटाघर पर तिरंगा फहराया जाता रहा है. 1991 में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके मुरली मनोहर जोशी ने यहां तिरंगा फहराया था. उसके बाद से सुरक्षा बल यहां ध्वजारोहण करता रहा है. इतना ही नहीं गणतंत्र दिवस के मद्देनज़र श्रीनगर में सुरक्षा के खास इंतज़ाम किए गए थे, जिससे यहां सन्नाटा पसरा रहा.
उधर, श्रीनगर के लाल चौक में 19 साल में पहली बार आज गणतंत्र दिवस पर तिरंगा नहीं फहराया गया. साल 1991 के बाद हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर लालचौक के घंटाघर पर तिरंगा फहराया जाता रहा है. 1991 में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके मुरली मनोहर जोशी ने यहां तिरंगा फहराया था. उसके बाद से सुरक्षा बल यहां ध्वजारोहण करता रहा है. इतना ही नहीं गणतंत्र दिवस के मद्देनज़र श्रीनगर में सुरक्षा के खास इंतज़ाम किए गए थे, जिससे यहां सन्नाटा पसरा रहा.