नई दिल्ली. देश में प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्त्वीय स्थल और अवशेष नियम, 1959 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए किसी निषिध्द या विनियमित क्षेत्र में निर्मित किसी भवन या उसके किसी भाग को हटाया जा सकता है.
योजना तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री वी नारायण सामी ने आज लोकसभा में बताया कि प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्त्वीय स्थल और अवशेष नियम, 1959 बहुत स्पष्ट है और नियम, 38 के प्रावधानों के अंतर्गत ऐसे भवनों को हटाने के लिए प्रावधान है. इसके तहत केन्द्र सरकार आदेश द्वारा नियम 35 के अंतर्गत प्रदत्त लाइसेंस की किसी शर्त के उल्लंघन में किसी निषिध्द क्षेत्र या किसी भवन या उसके किसी भाग में निर्मित अनधिकृत भवन के स्वामी या दखलकार को ऐसे भवन या उसके किसी भाग को उक्त आदेश में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर हटाने के निर्देश दे सकती है। यदि कोई स्वामी या दखलकार उपनियम (1) के अंतर्गत दिए गए आदेश के अनुपालन से इंकार करता है या इसे क्रियान्वित नहीं करता है तो केन्द्र सरकार जिला मजिस्ट्रेट को भवन या उसके किसी भाग को हटवाने के निर्देश दे सकती है तथा इसके स्वामी या दखलकार को ऐसे निर्माण हटाने की लागत देनी होगी।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विद्यमान नियमों के अनुसार अनधिकृत रूप से निर्मित अवैध संरचनाओं को हटाने के लिए नियमित रूप से नोटिस तथा आदेश जारी करता है।