स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. 2001 की जनगणना के आधार पर 50,000 या इससे अधिक मलिन बस्ती की आबादी वाले शहरों की तादाद 186 है, आवास
एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने 2001 की जनगणना के आधार पर एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों एवं नगरों में
मलिन बस्ती सर्वेक्षण करवाने के लिए सभी राज्य सरकारों को मानव संसाधन व मूल्यांकन
के लिए शहरी आंकड़े (उषा) नामक केन्द्रीय योजना के तहत धन जारी किया है। राज्य
सरकारों ने सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है।
भारत सरकार ने शहरी निर्धनों के लिए मूलभूत सुविधाओं के कार्यक्रम
(बीएसयूपी) के तहत देश में 65 शहरों में शहरी गरीबों के लिए आवास एवं अवसंरचना सुविधाओं को शुरू करने
के लिए आंध्र प्रदेश समेत राज्योंकेन्द्रशासित प्रदेशों को सहयोग करने के लिए
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) शुरू किया है। अन्य
शहरोंनगरों के लिए समेकित आवासीय और मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है।
सहयोग के घटकों में वहनीय कीमतों पर निश्चित अवधि की सुरक्षा समेत शहरी निर्धनों के
लिए मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान, संशोधित आवास, जल आपूर्ति और स्वच्छता शामिल हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक सुरक्षा के लिए पहले से मौजूद सार्वभौमिक सेवाओं के
संगम को जेएनएनयूआरएम के दिशा-निर्देशों के तहत अनुबंध किया गया है।
जनगणना 2001 के आधार पर 50,000 और इससे अधिक मलिन बस्ती आबादी वाले शहरों की राज्यवार संख्या-
राज्यकेन्द्रशासित प्रदेशों शहरों की संख्या
आंध्र प्रदेश
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36
|
बिहार
|
3
|
चंडीगढ
|
1
|
छत्तीसगढ
|
6
|
दिल्ली
|
1
|
गुजरात
|
5
|
हरियाणा
|
8
|
झारखंड
|
3
|
जम्मू-कश्मीर
|
2
|
कर्नाटक
|
7
|
महाराष्ट्र
|
26
|
मेघालय
|
1
|
मध्य प्रदेश
|
15
|
ओड़िशा
|
5
|
पंजाब
|
4
|
राजस्थान
|
5
|
तमिलनाडु
|
13
|
उत्तर प्रदेश
|
25
|
उत्तराखंड
|
2
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पश्चिम बंगाल
|
21
|
कुल
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189
|