सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्ली. जो लोग सक्रिय जीवन शैली को अपनाते हैं, उनमें बैठकर जिन्दगी बिताने वालों की तुलना में कैंसर होने का खतरा कम होता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कराये गए एक शोध में यह खुलासा किया गया है कि जो पुरुश सबसे ज्यादा सक्रिय रहे, उनमें सबसे कम सक्रिय रहने वालों की तुलना में कैंसर का खतरा 13 फीसदी कम हुआ। जबकि महिलाओं में सक्रिय वालों की तुलना में बैठकर जीवन बिताने वालों की तुलना में कैंसर का खतरा 16 फीसदी कम दर्ज किया गया।

यह अध्ययन जो अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडमियालॉजली में प्रकाशित हुआ है जिसमें षोधकर्ताओं ने जापान के नौ प्रीफेक्चर के करीब 80,000 पुरुश और महिलाओं पर जो 45 से 74 साल की थीं। उन्होंने काम करने के हिसाब से आबादी को चार समूहों में बांटा और व्यक्तिगत मेटाबॉलिक रेट या एमईटी (मेटाबॉलिक इक्विवैलेंट) को देखा जिसमें बैठने, टहलने, खड़े रहने, सोने और व्यायाम करने का वक्त नोट किया गया।

यह ट्रेंड जापानी महिलाओं में खासकर देखने लायक रहा जिन्होंने नियमित व्यायाम किया और सक्रिय जीवन शैली को अपनाया, उनमें कैंसर का खतरा बहुत कम पाया गया।

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