समीर पुष्
जनसंख्या संसाधन के बढ़ते असंतुलन और वैश्विक तपन के मंडराते खतरे को देखते हुए संपोषणीय रहन-सहन के लिये और अधिक फिक्रमंद होने की आवश्यकता है इसका विकल् यही है कि पर्यावरण जनित प्रौद्योगिकियां, पर्यावरण अनुकूल उत्पाद और स्वच् पर्यावरणीय ऊर्जा को अपनाया जाए समय की मांग है कि पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनायी जाए और शून्  प्रदूषण उत्सर्जन वाली स्वच् पर्यावरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाए स्वच् ऊर्जा उत्पादन से प्रदूषणकारी अथवा ऊर्जा के अपव्ययी रूप से छुटकारा मिलता है और वैश्विक तपन से बचने के लिए आवश्यक पर्यावरण अनुकूल मार्ग सुनिश्चित होता है भारत जैसे-जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर कदम बढ़ाता जा रहा है, हम स्वच् और हरित उत्पादों की बढ़ती आवश्यकता के प्रति और अधिक सचेत होते जा रहे हैं हमें यह भी पता है कि पारम्परिक पद्धतियां और सिद्धांत आगे जाकर और अधिक निष्प्रभावी हो सकते हैं , इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि वैश्विक स्पर्धा में आगे बने रहने के लिये सूक्ष् और बृहद दोनों ही स्तरों पर पर्यावरण अनुकूल उत्पादकता को सुदृढ़ बनाया जाए इसीलिए, भारत सातवें अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण अनुकूल उत्पाद मेले (इको-प्रोडॅक्ट्स इंटरनेशल फेयर ईपीआईएफ 2011 का आयेाजन कर रहा है, ताकि वह अपने पर्यावरण जनित किफायती ऊर्जा उत्पादों को दुनिया को दिखा सके और शेष विश् के साथ नवीनतम अधिक स्वच् और हरित प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान कर सके
            नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (इटपो) द्वारा 10 से 12 फरवरी, 2011 तक आयोजित किये जाने वाले इस मेले का औपचारिक उद्घाटन केन्द्रीय वाणिज् और उद्योग मंत्री श्री आनंद र्श्मा ने शुक्रवार 11 फरवरी को किया इस मेले का आयेाजन वाणिज् और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, टोकियो (जापान) स्थित एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ), राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ ने मिलकर किया ईपीआईएफ के इस संस्करण की विषयवस्तु थी संपोषणीय ऊर्जा और पर्यावरण के लिए हरित उत्पादकता इस मेले के समानान्तर इसी विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।
            ईपीआईएफ-2011 मुख् रूप से  पर्यावरण कुशलता और ऊर्जा कौशल के विचारों और नजरिये पर ही केन्द्रित रहा सम्मेलन में पारिस्थितिकीय अर्थशास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित निवेश और हानि लाभ के संदर्भ में सक्रियता से विचार-विमर्श हुआ वर्तमान में आम उपभोक्ताओं और कंपनियों सहित सभी हितग्राही उत्पाद सुधारों, उत्पादों के रूपांकन, व्यवहारिक नवाचार और अभिनव प्रणालियों पर अधिक जोर देते हैं निजी क्षेत्र की कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भी पर्यावरण के अनुकूल हरित संसाधनों के उपार्जन को अधिक प्रश्रय दिया जा रहा है भविष् अब हरित उपभोक्तावाद और हरित विकास तथा पर्यावरण के अनुकूल नगरों और औद्योगिक पार्कों का ही है, जो समूची धरती पर सभी देशों की सीमाओं से परे पर्यावरण अनुकूल संस्कृति का संवर्धन करेगा
            पर्यावरण अनुकूल उत्पादों उन उत्पादेां और सेवाओं को कहा जाता है जो पर्यावरण के कानूनों का अनुपालन करते हों और जो पर्यावरण हितैषी हों और पर्यावरण की रक्षा के प्रति निर्माताओं और उत्पादों के स्वैच्छिक प्रयासों को परिलक्षित करते हों यदि हम भारत के बजट पर नजर डालें तो पाएंगे कि वर्तमान में, ऊर्जा के कुल उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का योगदान चार प्रतिशत से भी कम है भारत के कुल ऊर्जा उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का योगदान 2015 तक 10 प्रतिशत और 2020 तक 15 प्रतिशत बढ़ सकता है   चूंकि पारम्परिक ऊर्जा के हमारे साधन स्रोत दुर्लभ होते जा रहे हैं, अक्षय ऊर्जा के साधनों का महत् बढ़ गया है ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकताओं और संपोषणीय जीवन में संतुलन के लिये हमको अपने में तेजी से बदलाव लाना होगा

एशिया की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी ईपीआईएफ-2011 में ऐसी उन्नत, पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन किया गया, जिससे उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सतत वृद्धि होती रहे मेले में पर्यावरण हितैषी उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में व्यापारिक सहयोग और जागृति को बढ़ावा देने के अवसरों की कोई कमी नहीं रही इस मेले में ग्रीन परचेजिंग नेटवर्क अर्थात पर्यावरण हितैषी उत्पादों के क्रय-विक्रय का संजाल स्थापित करने के अलावा ईको-लेबलिंग योजना की शुरूआत भी हुई

            इस मेले का एक उल्लेखनीय पक्ष था पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों , घटकों और उत्पादों का संवर्धन इससे भारत केवल पर्यावरण की रक्षा कर सकेगा, बल्कि बाजार में उसकी छवि एक ऐसे देश के रूप में उभरेगी, जो पर्यावरण के प्रति पर्याप् संवेदनशील है
            ईपीआईएफ-2011 के आयोजन से भविष् में जो लाभ होने की संभावाना है, उन्हें अग्रलिखित रूप से वर्णित किया जा सकता है -
·   अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण अनुकूल उत्पादों के निर्माताओं के साथ क्रय-विक्रय के व्यापक नेटवर्क की स्थापना और प्रदर्शकों के उत्पादों/सेवाओं के बारे में अधिक जानकारी और व्यापक मीडिया प्रसारण के अतिरिक् ,हरित उद्यमियों के लिये सशक् विचार
·   समाज और लोगों के दिन-प्रतिदिन के जीवन में पर्यावरण अनुकूल उत्पादों/सेवाओं की पहचान और उपयोग के लिए अधिक ज्ञान एवं जागरूकता प्राप् करना
·   हरित वस्तुओं की प्रापण प्रणाली और स्वच् एवं हरित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के संवर्धन के लिये येाजनाएं तैयार करने के लिए उद्योगों , सरकारों और सार्वजनिक एजेंसियों को प्रेरित करना
·   टोकियो स्थित एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ) के उत्पादों को बाजार में उतारने का रास्ता तैयार होगा

ईपीआईएफ- 2011 का जीवनाधार स्थायी विकास और संपोषणीय रहन- सहन की अवधारणा है इन ऊर्जा कौशल प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के लाभों का दायरा केवल उत्पादन और प्रचालन लागत में कमी तक सीमित है बल्कि इससे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव में भी कमी आती है। ईपीआईएफ-2011 विकास और प्रगति के बीच केवल पारिस्थितिकीय बल्कि संपोषणीय समरसता लाने का प्रयास है वैश्विक स्तर पर हमारा सरोकार केवल इस बात से है कि हमारे जीवन का स्तर ऊंचा रहे और हममें से हर एक व्यक्ति प्रकृति के संरक्षण में अपना-अपना अंशदान करे। ईपीआईएफ-2011 के आयोजन से भारत ने इस दिशा में एक सुदृढ़ कदम उठाया है इस प्रकार के प्रयासों की और अधिक आवश्यकता है, ताकि भावी पीढ़ी के लिये हम संपोषणीय पर्यावरण अनुकूल संस्कृति की धरोहर छोड़ सकें

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