स्टार न्यूज़ एजेंसी
सडन कार्डियक डेथ का मतलब होता है अचानक होने वाली मौत, जो दिल की समस्या से जुड़े लक्षण सामने आने के एक घंटे के भीतर होती है. देश में 24 लाख से ज्यादा लोगों की हार्ट अटैक से मौत होती है, जिनमें से 17 लाख लोगों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है. अगर आम लोगों को बेसिक चेस्ट रीससिटेशन सिखा दिया जाए, तो इनमें से 12 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि ऐसी स्थिति में आम तौर पर हार्ट रिदम की अनियमितता जिम्मेदार होती है. इससे वेन्ट्रीकुलर टेकीरिदमिया कहते हैं. आमतौर पर अधेड़ और इससे ऊपर की उम्र वालों को जांच में ऐसी दिक्कतें सामने आती हैं, लेकिन हाइपर ट्रॉपिक कार्डियोमायोपैथी और लॉन्ग क्यू टी सिन्ड्रोम की समस्या हो, तो अन्य लोगों को भी ये दिक्कत हो सकती है. बच्चों और युवा एथलीटों में अचानक मौत की मुख्य वजहों में लॉन्ग क्यू टी सिन्ड्रोम और हाइपर ट्रॉपिक कार्डियोमायोपैथी सबसे आम है. इस समस्या से ग्रस्त लोगों को खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी जाती है.
जिसका सडन कार्डियक डेथ का पारिवारिक इतिहास हो अथवा बदहवासी के लक्षण रहते हों, उन्हें इसकी जांच जरूर करानी चाहिए. दिल की बीमारियों से अचानक होने वाली मौतों के मामले में पहले से इसके लिए जिम्मेदार वजह विकसित होनी शुरू हो जाती है. इसका मतलब है कि आधी मौतों में एथरोक्लोरोसिस (आर्टरी में फैट जमा होना) अचानक होता है. आधे मामलों में दिल की मांस पेशियों में क्षति कार्डिक इन्लार्जमेंट और हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार होता है.
मैसिव हार्ट अटैक टर्म मीडिया में गलती से सडन डेथ के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हार्ट अटैक टर्म या मायोकार्डिक इन्फ्रेक्शन जरुरी नहीं है कि हार्ट मसेल्स के टिश्यू रक्त संचार सही ना होने की वजह से डैमेज होने के चलते हो.
हार्ट अटैक कार्डिक अरेस्ट और सडन कार्डिक डेथ के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन दोनों टर्म अलग हैं. उन लोगों में जिनमें ऑर्गेनिक हार्ट डिजीज नहीं होती, उनमें दवाओं का दुरुपयोग भी सडन कार्डियक डेथ की वजह हो सकता है.
कार्डिक अरेस्ट की बहुत सारी वजह हैं, मगर इनमें से दो सबसे महत्वपूर्ण हैं. पहले पड़ने वाला हार्ट अटैक-एससीडी से मरने वाले 75 फीसद लोगों में पहले हार्ट अटैक के लक्षण दिखते हैं. कोरोनरी आर्टरी डिजीज-एससीडी के 80 फीसद मरीजों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लक्षण होते हैं. ये वह स्थिति है जिसमें दिल को रक्त पहुंचाने वाली आर्टरी में आधा या पूरा ब्लॉकेज हो जाता है. अन्य पैरामीटर्स में हार्ट का फंक्शन प्रभावित होना और हार्ट रेट अनियमित होना आता है. इसके अलावा बहुत ज्यादा हाई ब्लड प्रेशर होना.