स्टार न्यूज़ एजेंसी
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश). पांच दिवसीय जनसंपर्क के अभियान के आख़िरी दिन आज कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र में विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जब उड़ीसा के नियामगिरी में आदिवासियों से उनकी ज़मीन छीनने की कोशिश की जा रही थी तो कांग्रेस ने वहां जाकर इस मुद्दे को उठाया और उनके हक़ की लड़ाई लड़ी. कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रद्वेश में भी आदिवासियों के हक़ के लिए लड़ेगी.
उन्होंने कहा कि आप लोगों के जिस हक़ के लिए स्वर्गीय इंदिरा गांधी लड़ती थीं, उस हक़ को हम आपको दिलवाकर रहेंगे. आदिवासी समुदाय के लोग हमारे पास आए और कहा कि हमारे लिए क़ानून बनाइए, हमने जनजातीय (ट्राइबल) क़ानून बनाया, जिसे पूरे देश में लागू किया गया. उन्होंने रैली में उमड़े जनसैलाब से पूछा कि क्या यहां कोई भी ऐसा शख्स मौजूद है, जिसे इस क़ानून का फ़ायदा मिला हो? आदिवासी बाहुल्य इस इलाके में 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की भीड़ में से जब कोई हाथ नहीं उठा, तो राहुल गांधी मायूस होकर कहा कि देखिए आपमें से एक को भी इस क़ानून का फ़ायदा नहीं मिल सका.
बसपा और भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब 2004 में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने टीवी वाले नेताओं की तरह हिंदुस्तान चमकने की बात नहीं की, अगर वो लोगों यहां सभा में मौजूद अदिवासी महिलाओं के बीच आए होते और आप लोगों से बात करते तो क्या वो कह सकते थे कि हिंदुस्तान चमक रहा है? रैली में मौजूद हज़ारों लोगों ने एक साथ ‘नहीं’ में जवाब दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने सबसे पहला काम आप लोगों के लिए मनरेगा क़ानून बनाने का किया,क्योंकि हम आप लोगों के बीच आए और आप लोगों से आपकी समस्याओं के बारे में बात की. आप लोगों ने ही हमें बताया कि रोज़गार सबसे बड़ी समस्या है, आपने कहा कि जिस तरह से शहरों में रोज़गार मिलता है. अगर उसी तरह से गांवों में भी रोज़गार की व्यवस्था हो जाए तो आप लोगों को काफ़ी सहूलियत मिल जाएगी. इसलिए हमने यह काम किया, हमने ऐसी व्यवस्था की है कि हिंदुस्तान का कोई भी व्यक्ति अगर काम करना चाहता है तो उसे गांव और घर के नज़दीक ही रोज़गार मिलेगा. हमने हर काम करने वाले के लिए 100 दिन, 120 रुपये के हिसाब साल में 12,000 रुपये देने की व्यवस्था की. लेकिन, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी ने कहा कि इससे किसी को फ़ायदा नहीं हुआ, हमारे विपक्ष में बैठे बीजेपी के लोगों ने सवाल उठाया कि पैसा कहां से आएगा? जब भी ग़रीबों, दलितो, आदिवासियों के हक़ की बात होती है तो ये लोग ऐसे सवाल उठाते हैं. वहीं अगर किसी अमीर, बिल्डर को ज़मीन देनी हो तो कोई सवाल नहीं होता. लेकिन हमने दिखा दिया कि पैसा कहां से आएगा.
किसानों के विषय में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया और उनके लिए एक बार फिर से बैंक के दरवाज़े खोले, लेकिन विपक्ष के लोगों ने कहा कि नाटक हो रहा है. क्या हज़ारों करोड़ रुपये की क़र्ज़ माफ़ी नाटक लगती है? उन्होंने कहा मुझे आश्चर्य होता है कि यहां के नेताओं में दूर-दृष्टि नहीं है, विकास की सोच नहीं है; यह नेता सिर्फ़ धर्म और जाति की राजनीति करना जानते हैं.
इससे पहले इलाहाबाद के बारा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी मुफ्त में लैपटॉप देने की घोषणा कर रही है, मगर जिस पार्टी के राज्य में घोर अराजकता रही हो, ऐसे में कौन उनकी बात पर यकीन करेगा? राहुल गांधी ने कहा कि जब तक किसान को पेट भर खाना नहीं मिलता और ख़ुशहाली उसके दरवाज़े पर नहीं आती, वे चैन से नहीं बैठेंगे.
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश). पांच दिवसीय जनसंपर्क के अभियान के आख़िरी दिन आज कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र में विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जब उड़ीसा के नियामगिरी में आदिवासियों से उनकी ज़मीन छीनने की कोशिश की जा रही थी तो कांग्रेस ने वहां जाकर इस मुद्दे को उठाया और उनके हक़ की लड़ाई लड़ी. कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रद्वेश में भी आदिवासियों के हक़ के लिए लड़ेगी.
उन्होंने कहा कि आप लोगों के जिस हक़ के लिए स्वर्गीय इंदिरा गांधी लड़ती थीं, उस हक़ को हम आपको दिलवाकर रहेंगे. आदिवासी समुदाय के लोग हमारे पास आए और कहा कि हमारे लिए क़ानून बनाइए, हमने जनजातीय (ट्राइबल) क़ानून बनाया, जिसे पूरे देश में लागू किया गया. उन्होंने रैली में उमड़े जनसैलाब से पूछा कि क्या यहां कोई भी ऐसा शख्स मौजूद है, जिसे इस क़ानून का फ़ायदा मिला हो? आदिवासी बाहुल्य इस इलाके में 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की भीड़ में से जब कोई हाथ नहीं उठा, तो राहुल गांधी मायूस होकर कहा कि देखिए आपमें से एक को भी इस क़ानून का फ़ायदा नहीं मिल सका.
बसपा और भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब 2004 में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने टीवी वाले नेताओं की तरह हिंदुस्तान चमकने की बात नहीं की, अगर वो लोगों यहां सभा में मौजूद अदिवासी महिलाओं के बीच आए होते और आप लोगों से बात करते तो क्या वो कह सकते थे कि हिंदुस्तान चमक रहा है? रैली में मौजूद हज़ारों लोगों ने एक साथ ‘नहीं’ में जवाब दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने सबसे पहला काम आप लोगों के लिए मनरेगा क़ानून बनाने का किया,क्योंकि हम आप लोगों के बीच आए और आप लोगों से आपकी समस्याओं के बारे में बात की. आप लोगों ने ही हमें बताया कि रोज़गार सबसे बड़ी समस्या है, आपने कहा कि जिस तरह से शहरों में रोज़गार मिलता है. अगर उसी तरह से गांवों में भी रोज़गार की व्यवस्था हो जाए तो आप लोगों को काफ़ी सहूलियत मिल जाएगी. इसलिए हमने यह काम किया, हमने ऐसी व्यवस्था की है कि हिंदुस्तान का कोई भी व्यक्ति अगर काम करना चाहता है तो उसे गांव और घर के नज़दीक ही रोज़गार मिलेगा. हमने हर काम करने वाले के लिए 100 दिन, 120 रुपये के हिसाब साल में 12,000 रुपये देने की व्यवस्था की. लेकिन, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी ने कहा कि इससे किसी को फ़ायदा नहीं हुआ, हमारे विपक्ष में बैठे बीजेपी के लोगों ने सवाल उठाया कि पैसा कहां से आएगा? जब भी ग़रीबों, दलितो, आदिवासियों के हक़ की बात होती है तो ये लोग ऐसे सवाल उठाते हैं. वहीं अगर किसी अमीर, बिल्डर को ज़मीन देनी हो तो कोई सवाल नहीं होता. लेकिन हमने दिखा दिया कि पैसा कहां से आएगा.
किसानों के विषय में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया और उनके लिए एक बार फिर से बैंक के दरवाज़े खोले, लेकिन विपक्ष के लोगों ने कहा कि नाटक हो रहा है. क्या हज़ारों करोड़ रुपये की क़र्ज़ माफ़ी नाटक लगती है? उन्होंने कहा मुझे आश्चर्य होता है कि यहां के नेताओं में दूर-दृष्टि नहीं है, विकास की सोच नहीं है; यह नेता सिर्फ़ धर्म और जाति की राजनीति करना जानते हैं.
इससे पहले इलाहाबाद के बारा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब समाजवादी पार्टी मुफ्त में लैपटॉप देने की घोषणा कर रही है, मगर जिस पार्टी के राज्य में घोर अराजकता रही हो, ऐसे में कौन उनकी बात पर यकीन करेगा? राहुल गांधी ने कहा कि जब तक किसान को पेट भर खाना नहीं मिलता और ख़ुशहाली उसके दरवाज़े पर नहीं आती, वे चैन से नहीं बैठेंगे.