कांग्रेस नेता राहुल गांधी खाने के बहुत शौक़ीन हैं. उन्हें जब भी वक़्त मिलता है वे दिल्ली की गलियों में निकल पड़ते हैं. वे आज दिल्ली के रामलीला मैदान में एक जनसभा को सम्बोधित करने के बाद छोले भटूरे खाने के लिए निकल पड़े. उन्होंने एक रस्टोरेंट पर छोले भटूरे खाये और अपने स्कूल के पास एक दुकान से आलू की टिक्की खाने की यादें सांझा कीं.
पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 19 जनवरी को उन्होंने कारगिल युद्ध के नायक दीपचंद से छोले-भटूरे बनाने सीखे. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रिंयका गांधी को छोल-भटूरे बहुत अच्छे लगते हैं और दीपचंद बहुत अच्छे छोले-भटूरे बनाते हैं. इसलिए मैंने सोचा कि मैं उनसे इन्हें बनाना सीखूं और प्रियंका गांधी को बनाकर खिलाऊं. उन्होंने छोले बनाने के साथ-साथ भटूरे भी तले. फिर उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर छोले भटूरे का लुत्फ़ उठाया.
राहुल गांधी को पुरानी दिल्ली का खाना बहुत पसंद है. मुग़लई खाने का ज़ायक़ा उन्हें जामा मस्जिद के इलाक़े में ख़ींच लाता है. पिछले साल 18 अप्रैल को वे दिल्ली में स्ट्रीट फ़ूड का ज़ायक़ा चखने निकल पड़े. जामा मस्जिद इलाक़े में उन्होंने रमज़ान के महीने में मिलने वाली ख़ास तरह की चाट खायी और मुहब्बत का शर्बत भी पीया, जो दूध और तरबूज़ से तैयार किया जाता है. इसके बाद उन्होंने यहां के जवाहर होटल में खाना खाया. उन्हें पुरानी दिल्ली के टिक्के और छोले भठूरे बहुत पसंद हैं.
जामा मस्जिद के लोग बताते हैं कि राहुल गांधी अकसर यहां आते रहते हैं. कुछ साल पहले वे सफ़ेद कुर्ते पायजामे में टोपी लगाकर यहां के एक होटल में आकर बैठ गए. उन्होंने वेटर को टिक्का लाने का ऑर्डर दिया. वे अकेले ही थे. वेटर ने उन्हें पहचान लिया और होटल के मालिक को बताया. फिर क्या था. वहां भीड़ इकट्ठी हो गई और फिर पुलिस आ गई. उन्हें सुरक्षा घेरे में लिया गया. राहुल गांधी को यहां का खाना इतना पसंद है कि वे अपनी सुरक्षा की परवाह किए बग़ैर शाहजहानाबाद पहुंच जाते हैं.
राहुल गांधी को पुरानी दिल्ली का खाना बहुत पसंद है. मुग़लई खाने का ज़ायक़ा उन्हें जामा मस्जिद के इलाक़े में ख़ींच लाता है. पिछले साल 18 अप्रैल को वे दिल्ली में स्ट्रीट फ़ूड का ज़ायक़ा चखने निकल पड़े. जामा मस्जिद इलाक़े में उन्होंने रमज़ान के महीने में मिलने वाली ख़ास तरह की चाट खायी और मुहब्बत का शर्बत भी पीया, जो दूध और तरबूज़ से तैयार किया जाता है. इसके बाद उन्होंने यहां के जवाहर होटल में खाना खाया. उन्हें पुरानी दिल्ली के टिक्के और छोले भठूरे बहुत पसंद हैं.
जामा मस्जिद के लोग बताते हैं कि राहुल गांधी अकसर यहां आते रहते हैं. कुछ साल पहले वे सफ़ेद कुर्ते पायजामे में टोपी लगाकर यहां के एक होटल में आकर बैठ गए. उन्होंने वेटर को टिक्का लाने का ऑर्डर दिया. वे अकेले ही थे. वेटर ने उन्हें पहचान लिया और होटल के मालिक को बताया. फिर क्या था. वहां भीड़ इकट्ठी हो गई और फिर पुलिस आ गई. उन्हें सुरक्षा घेरे में लिया गया. राहुल गांधी को यहां का खाना इतना पसंद है कि वे अपनी सुरक्षा की परवाह किए बग़ैर शाहजहानाबाद पहुंच जाते हैं.
जामा मस्जिद जाने से पहले राहुल गांधी ख़ान मार्केट गए. वहां उन्होंने चाट और गोल गप्पे खाये. इस दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई. लोग उनकी तस्वीरें खींचने लगे.
क़ाबिले ग़ौर है कि दुनिया की सबसे महंगी खुदरा हाई स्ट्रीट में शुमार दिल्ली की ख़ान मार्केट में भी राहुल गांधी का आना-जाना लगा रहता है. उन्हें यहां कॉफ़ी पीते हुए या बाज़ार की बाहरी तरफ़ बुक शॉप्स में किताबों के वर्क़ पलटते देखा जा सकता है.