नई दिल्ली. एक घंटे तक हुक्के से पफ लेना प्रतिदिन एक पैकेट सिगरेट जितनी ही कार्बन मोनोआक्साइड लेने के समान है। हाल के वर्षों में हुक्का का प्रचलन बढ़ा है। आज पूरी दुनिया में हुक्का का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें वाटर पाईप द्वारा धूम्रपान किया जाता है। इसमें तंबाकू को पानी के माध्यम से लेते हैं, इससे लोग सोचते हैं कि तंबाकू से टॉक्सिन फिल्टर हो जाता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने बताया कि जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अंक में प्रकाशित अध्ययन में जिसमें हैमंड और एक विद्यार्थी ने 27 छात्रों को लिया में शाम के वक्त तीन दिन एक घंटे पानी के पाइप से धूम्रपान करते थे। अन्य पांच विद्यार्थी भी उनके साथ रहते थे, लेकिन वे हुक्के से धूम्रपान नहीं करते थे।
अध्ययन में शामिल करने से पहले इन लोगों को 84 घंटे तक वाटर पाइप धूम्रपान से दूर रखा गया; वाटर पाइप के कटोरे में पानी के साथ ही 10 ग्राम अल फखेर मू'अस्सल तंबाकू मिलाकर चारर्कोल के साथ सुलगाया गया। अध्ययन से पहले और बाद में इन लोगों में एक ऐसी मशीन से जांच की गई जो यह पता लगाता था कि व्यक्ति धूम्रपान करता है कि नहीं।
हिस्सा लेने वालों में औसतन प्रति दस लाख में 42 हिस्से आए जो कि सिगरेट पीने वालों से कहीं ज्यादा (हर दस लाख में 17 हिस्से) हैं। अध्ययन में यह भी देखा गया कि कार्बन मोनोआक्साइड का स्तर उस कमरे में भी बढ़ा जहां पर बैठकर हुक्का पिया गया, और अगर इसका लम्बे समय तक इस्तेमाल हो तो इससे वहां का वातावरण भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। वाटर पाइप से 45 मिनट तक धूम्रपान करने से 36 गुना ज्यादा टार उत्पन्न होता है बनिस्बत पांच मिनट तक सिगरेट पीने के।