कुछ सीढ़ियों का है फ़ासला
वो मिल जाएगा
अपनी शुरुआत का एक सिरा
हाथों में थमा जायेगा
होंगी कुछ बातें हमारे बीच
हमारे आस-पास........
देखते-देखते
फिर होगा कुछ सीढ़ियों का फ़ासला
और वो मिल जाएगा
सिलसिला रुकेगा नहीं
बस हमें थोड़ा रुकना है
आंखों में विश्वास भरकर कहना है
'यह साल तुम्हें ढेरों खुशियां दे जाए'
-रश्मि प्रभा
सूफ़ियाना बसंत पंचमी...
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*फ़िरदौस ख़ान*
सूफ़ियों के लिए बंसत पंचमी का दिन बहुत ख़ास होता है... हमारे पीर की ख़ानकाह
में बसंत पंचमी मनाई गई... बसंत का साफ़ा बांधे मुरीदों ने बसंत के गीत ...