स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. कृषि उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री प्रो. के वी थामस ने नागरिक आपूर्ति मात्रा के मानक और स्तर को ऊंचा उठाने एवं उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए वैध माप विनियमन के क्रियान्वयन पर बल दिया है।
अखिल भारतीय माप सम्मेलन का उदघाटन करते हुए प्रो. थामस ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सामानों यहां तक कि आवश्यक वस्तुओं के लिए बाजार पर बढ़ती निर्भरता के साथ ही कानूनी दृष्टि से घरेलू व्यापार का विनियमन मात्रा और माप की अवधारणा से कहीं अधिक है। समय की मांग है कि हम सब उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए विनियमन के क्षेत्र की नई-नई बातों को लागू करें। यदि उपभोक्ताओं का अविश्वास एक सीमा से अधिक बढ़ जाता है और उनके निवारण के लए उपयुक्त कदम नहीं उठाए जाते हैं तो खुले बाजार के प्रति उपभोक्ताओं के विश्वास के डगमगाने से हमारा ही नुकसान होगा।
वैध माप विधेयक 2009 के कुछ मुख्य बिंदुओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मानकों की जांच अब केवल सरकारी प्रयोगशालाओं तक ही सीमित नहीं रहेगी। सरकार अनुमोदित जांच केंद्र की नई अवधारणा शुरू की गई है जिससे इस क्षेत्र के निहित स्वार्थी तत्वों का एकाधिकार खत्म होगा और उद्योगों के लिए जांच केंद्रों के बीच प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी।