नई दिल्ली. केन्द्रीय जल आयोग देश में 81 जलाशयों की भंडारण स्थिति का प्रबोधन कर रहा है। 31 दिसम्बर 2009 की स्थिति के अनुसार इन 81 जलाशयों की कुल सक्रिय भंडारण क्षमता 79.19 बिलियन क्यूबिक मीटर तथा 31 दिसम्बर 2008 को 82.17 बीसीएम थी। हालांकि पिछले 10 वर्षों के दौरान 31 दिसम्बर को इन जलाशयों की औसत कुल सक्रिय भंडारण क्षमता 76.33 बीसीएम है।
जल संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री वीसेंट एच पाला ने आज राज्यसभा में बताया कि प्रबोधन किए गए जलाशयों की भंडारण स्थिति पर 31 दिसम्बर 2009 की सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसम्बर, 2009 की स्थिति के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रबोधन किए गए जलाशयों की कुल सक्रिय भंडारण क्षमता 5.67 बीसीएम थी जो कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 31 दिसम्बर की स्थिति के अनुसार इन जलाशयों की औसतन सक्रिय भंडारण का 68 प्रतिशत है।
जल राज्य का विषय होने के कारण बांधोंजलाशयों के जल का प्रचालन तथा विनिमय संबध्द परियोजना प्राधिकरणराज्य सरकारों की आवश्यकतानुसार किया जाता है। हालांकि देश में अपर्याप्त वर्षा को देखते हुए जल संसाधन मंत्रालय द्वारा 30 जून, 09 को समस्त राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों को परामर्श जारी किया गया जिसमें निम्न परामर्श दिए गए -
उपलब्ध सतही जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना तथा किसी संभव कमी की समस्या से निपटने के लिए संभव भूजल संसाधनों का उपयोग करना।
राष्ट्रीय जल नीति के अनुसार पेय जलापूर्ति तथा कृषि को प्राथमिकता देते हुए जलाश्यों से उपलब्ध जल का विवेकपूर्ण उपयोग करना।
पेय जल, कृषि तथा अन्य उपयोगों एवं वाष्पीकरण हानियों को शामिल करते हुए प्रत्येक जलाशयों हेतु जल बजट तैयार करना।
जल उपलब्धता को बढ़ाने के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड द्वारा खोदे गए सफल अन्वेषणात्मक कुंओं को अपने अधिकार में लेना।
सीजीडब्ल्यू के क्षेत्रीय कार्यालयों के संपर्क में रहना तथा भूजल के संभावित स्रोतों का शीघ्र उपयोग करने हेतु उनका pataa लगाने के लिए तकनीकी सहायता प्राप्त करना।