स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. विश्व की सभी सेनाओं में संगीतकारों ने न सिर्फ सभी समारोहों के उच्च मानकों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है बल्कि सैनिकों के रोजाना के नियमित रेजीमेंट के जीवन में उत्साह का संचार किया है। राजधानी दिल्ली सैन्य संगीतकारों और छह देशों की सेनाओं की सांस्कृतिक मंडलियों की मेहमाननवाजी के लिए पूरी तरह तैयार है। इनमें द रॉयल ईएमई (ब्रिटेन), फ्रांसिसी सेना, श्रीलंकाई सेना, बंगलादेशी सेना और नेपाली सेना के विश्वस्तरीय संगीतकारों के अतिरिक्त भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड भी शामिल होंगे।
पुराने किले में तीन मार्च को संगीत समारोह (कनसर्ट) के साथ ये प्रमुख बैंड- कार्यक्रम शुरू होंगे। इसके बाद दिल्ली छावनी के परेड ग्राउंड में कार्यक्रम होगा। इस दौरान कलईपयत्तु, खुकरी नृत्य, जंच पताका, लेजियम, भांगड़ा और लद्दाख एवं पूर्वोत्तर के पारंपरिक नृत्यों पर प्रस्तुतियां पेश की जाएंगी। विशिष्ट 61 अश्वरोही रेजिमेंट दुनिया की एकमात्र अश्वरोही रेजिमेंट है और वह भी इस दौरान अपने करतब दिखाएगी।
भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल और रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी इस अवसर पर समारोह की शोभा बढ़ाएंगे तथा बेहतरीन सामरिक संगीतकार समारोह में स्वर संगति देंगे। दिल्ली छावनी में परेड मैदान पर 5 और 6 मार्च का समारोह आम जनता के लिए उपलब्ध होगा।