कल्पना पालखीवाला
      प्रथम पृथ्वी दिवस के 40 वर्ष बाद दुनिया अबतक की सबसे अधिक खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। जलवायु परिवर्तन हमारे समय की एक बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन यह हमारे सम्मुख बहुत बड़ा अवसर अर्थात वर्तमान और भविष्य के लिए स्वस्थ, समृध्दशाली  और स्वच्छ ऊर्जा आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण का अप्रत्याशित अवसर लेकर आया है।  पृथ्वी दिवस 2010 एक ऐसा अहम मोड़ है जहां से हम जलवायु नीति, ऊर्जा कार्यकुशलता, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण हितैषी रोजगार की ओर तरफ बढ सकते हैं। पृथ्वी दिवस व्यक्तियों, निगमों और सरकारों को वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए आपस में हाथ मिलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। हम एक अरब से अधिक लोगो के साथ हाथ मिला सकते हैं जो 190 देशों में पृथ्वी दिवस मना रहे हैं।
     
      यह हमारे सम्मुख उत्पन्न पर्यावरण संबंधी चुनौतियों को याद करने का समय है। यह हमारे लिए बेहतर जीवन जीने, पृथ्वी ग्रह की मदद करने और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने का अवसर है। किसी को भी स्वस्थ पर्यावरण या मजबूत अर्थवयवस्था में से एक को चुनने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे तो दोनों ही साथ मिल सकते हैं। हालांकि कई लोग कहते  हैं कि पर्यावरण की चुनौती के समाधान के उपाय काफी मंहगे हैं लेकिन इन समस्याओं के समाधान से हमारे सम्मुख स्वच्छ ऊर्जा, हरित भवन, कार्यकुशल परिवहन, और निम्नतम अपशिष्ट वाली जीवनचर्या से संबंधित कारोबार का बहुत बड़ा अवसर भी उत्पन्न होता है। पर्यावरण के भविष्य पर हमारा भविष्य भी निर्भर है।

      पृथ्वी दिवस दुनिया में व्यपाक रूप से मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय समारोह है और यह हमें इस बात की याद दिलाता है  कि हम एक अनोखे ग्रह के वासी हैं। पृथ्वी सौरमंडल का ऐसा एक मात्र ग्रह है जहां अतुल्य जैवविविधता है। पृथ्वी दिवस क्या है- यह हमारी पृथ्वी, जिसमें सागर, जैवविविधता, वायुमंडल आदि है, को जानने का अवसर है। दुनियाभर में लोग इसे मनाते हैं और पेड़-पौधों तथा जीव-जंतुओं की रक्षा का प्रयास करते हैं एवं पृथ्वी को स्वच्छ बनाते हैं।


      22 अप्रैल, 1970 को आधुनिक पर्यावरण आंदोलन के साथ पृथ्वी दिवस की शुरूआत हुई और इसलिए हम हर वर्ष इस दिन को पृथ्वी दिवस मनाते हैं। विभिन्न देश अलग-अलग तरीके से जैसे शहरों की सफाई कर, डाकटिकट जारीकर, बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर, पृथ्वी के संसाधनों और उसके संपोषणीय इस्तेमाल के बारे में पोस्टरों के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाकरइसे मनाते हैं।
     
      भू-विज्ञान मंत्रालय ने धरती (भूमि, सागर और वायुमंडल) को बचाओ ध्येयवाक्य पर आधारित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यह दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने ग्रीनहाउस प्रभाव, ओजोन परत में छेद, उसके कारण और प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, प्राकृतिक संसाधनों का संपोषणीय इस्तेमाल, जलवायु परिवर्तन का भारतीय मानसून पर प्रभाव, वनोन्मूलन और वनारोपण और उसका महत्व, सागरीय संसाधन (सजीव और निर्जीव संसाधन), ऊर्जा संसाधन (पारंपरिक और गैर पारंपरिक संसाधन), विलवणीकरण, सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली, सागरीय प्रौद्योगिकी, समुद्री उपकरण, ध्रुवीय विज्ञान , भूकंप अध्ययन आदि अन्य विषयों पर इस दिन कार्यक्रम और संगोष्ठियों का भी प्रस्ताव रखा है।
     
      विद्यालयों को अपने छात्रों के लिए निबंध प्रतियोगिता, चित्रकारी प्रतियोगिता, पोस्टर निर्माण, पौधरोपण, प्रकृति संरक्षण से संबंधित नारे लिखने, प्रश्नोत्तरी आदि कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए कहा गया है।

पृथ्वी दिवस हम सभी को निम्नलिखित बिंदुओं के प्रति कटिबध्दता प्रदर्शित करते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपने हिस्से की जिम्मेदारी का एहसास दिलाता है-
  •  स्नान के बजाय शॉवर के जरिए नहाना और कम पानी की खपत करना, पानी को रिसने से रोकना, ब्रश करते समय नल बंद कर देना।
  • ऊर्जा स्टार उत्पाद खरीदकर तथा सामान्य बल्ब के स्थान पर कम्पैक्ट पऊलोरेंसेंट  टयूब लगाकर बिजली बचाना।
  • उत्पादों का दोबारा इस्तेमाल और पुनर्चक्रण।
  • यात्रा के लिए सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना, यदि संभव हो तो एक ही कार और बाइक से कार्यालय या ईधर-उधर आना-जाना ताकि वायु प्रदूषण घटे और ईंधन पर खपत बचे।
  • कीटनाशकों, पेंट, और क्लीनरों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना।
  • स्थानीय वायु गुणवत्ता का परीक्षण करना।
  • कंप्यूटर, डीवीडी प्लेयर और अन्य इलेक्ट्रोनिक उत्पादों का ई-पुनर्चक्रण। इससे धरती पर खतरनाक पदार्थों का जमावड़ा नहीं होगा।


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