स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. देश में इस साल मानसून खुशगवार रहेगा और लोग रिमझिम बारिश ख़ूब लुत्फ़ उठा सकेंगे. मौसम विभाग के मुताबिक़ इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है.
नई दिल्ली. देश में इस साल मानसून खुशगवार रहेगा और लोग रिमझिम बारिश ख़ूब लुत्फ़ उठा सकेंगे. मौसम विभाग के मुताबिक़ इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग का कहना है कि जून से सितंबर के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून दीर्घकालिक औसत का 98 फ़ीसदी रहने का अनुमान है. हालांकि विभाग ने पिछले साल भी सामान्य मानसून की ऐलान किया. पिछले साल 37 बरसों के दौरान सबसे कम बारिश हुई थी. वैसे दक्षिण-पश्चिमी मानसून का दीर्घकालिक औसत 89 सेंटीमीटर माना जाता है.
भारतीय मौसम विभाग ने जून से सितम्बर,
2010 के बीच देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा के सामान्य रहने
का अनुमान लगाया है।
दीर्घावधि अनुपात में मानसून
की वर्षा 98 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसमें 5 प्रतिशत ज्यादा या कम हो सकता है।
देश में 1941 से 1990 के बीच
मानसून की औसत वर्षा 89 सेमी रही है। मौसम विभाग वर्षा के लिए
दूसरे स्तर के अनुमान पर अद्यतन सूचना जून, 2010 में जारी
करेगा। इसके अलावा भारत के चार भौगोलिक क्षेत्रों में वर्षा का अनुमान जुलाई और
अगस्त तथा जून-सितम्बर में भी जारी की
जाएगी।
भूमध्यवर्ती प्रशांत के ऊपर
अल-नीनो परिस्थितियां मध्य जून से अक्टूबर, 2009 के दौरान
कमजोर रही थी, लेकिन मध्य अक्तूबर से मजबूत होते हुए दिसम्बर के तीसरे सप्ताह में
चरम पर पहुंच गईं थीं, लेकिन दिसम्बर के आखिर में अल-नीनों परिस्थितियां कमजोर पड़ना
शुरू हो गईं थीं। हालांकि वर्तमान अनुमान के अनुसार जुलाई-अगस्त, 2010 तक अल-नीनो परिस्थितियों के कमजोर पड़ने के संकेत हैं।
देश में पड़ रही भीषण गर्मी दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता को बढ़ाने वाली है. 96 से 104 फ़ीसदी बारिश आती है, जबकि 104 से 110 फ़ीसदी सामान्य से ज्यादा और औसतन 90 प्रतिशत से कम हो तो यह सूखे की स्थिति मानी जाती है. फिलहाल मौसम विभाग की घोषणा से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, क्योंकि पिछले साल सूखे की वजह से किसानों को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ा था.