स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. हिंदी अकादमी दिल्ली का आज यहां सचिवालय में वर्ष 2008-2009 व 2009-2010 के पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया, जिसमें कार्टूनिस्ट इरफ़ान ख़ान सहित अन्य साहित्यकारों को काका हाथरसी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. हालांकि समारोह के कुछ घंटे पहले तक पुरस्कार लेने आने के लिए साहित्यकारों को मनाने की जद्दोजहद जारी रही और तीन साहित्यकार समारोह में पहुंचने की बात कहने के बावजूद समारोह में नहीं पहुंचे.
गौरतलब है कि इसी साल मार्च में हिंदी अकादमी दिल्ली ने इस साल (2009-2010) और पिछले साल (2008-2009) के पुरस्कारों की घोषणा की थी. पहले यह समारोह 23 मार्च को श्रीराम सेंटर में होना था, लेकिन कुछ विवादों के चलते इसे ताल दिया गया था.
हालांकि आज दिल्ली सचिवालय का सभागार लोगों से भरा हुआ था, मगर इसके बावजूद आयोजकों के चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी. समारोह में मुख्यमंत्री ने को कहना पड़ा कि भविष्य में पुरस्कार वितरण समारोह और भव्य तरीक़े से आयोजित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने समारोह के दौरान यह भी ऐलान किया कि हिंदी अकादमी के पुरस्कार अखिल भारतीय होंगे. भविष्य में पुरस्कारों के चयन के लिए देशभर से लोगों का चयन किया जाएगा. इसी के साथ ही उन्होंने एक और घोषणा की कि 2008-2009 के पुरस्कारों की जो राशि 20 हज़ार रुपये निर्धारित है, उसे भी 50 हज़ार रुपये कर किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदी अकादमी ने अगर समारोह नहीं किया तो पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों का इसमें कोई कुसूर नहीं है. इसलिए एक ही पुरस्कार के लिए राशि में 30 हज़ार रुपये का अंतर ठीक बात नहीं है. उन्होंने समारोह में मौजूद सांस्कृतिक मंत्री प्रो.किरण वालिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह राशि भी कल ही सम्मानित लोगों को भेज दी जाए.
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार डा.जगन्नाथ प्रसाद दास, सांस्कृतिक मंत्री डा.किरण वालिया, हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर व सदस्य रमाकांत गोस्वामी ने पुरस्कार वितरित किए. इस मौके पर विधायक बरखा सिंह, वीर सिंह धिंगान, हिंदी अकादमी के सचिव प्रो.रवींद्र नाथ श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य लोग भी भी मौजूद थे.
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नई दिल्ली. हिंदी अकादमी दिल्ली का आज यहां सचिवालय में वर्ष 2008-2009 व 2009-2010 के पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया, जिसमें कार्टूनिस्ट इरफ़ान ख़ान सहित अन्य साहित्यकारों को काका हाथरसी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. हालांकि समारोह के कुछ घंटे पहले तक पुरस्कार लेने आने के लिए साहित्यकारों को मनाने की जद्दोजहद जारी रही और तीन साहित्यकार समारोह में पहुंचने की बात कहने के बावजूद समारोह में नहीं पहुंचे.
गौरतलब है कि इसी साल मार्च में हिंदी अकादमी दिल्ली ने इस साल (2009-2010) और पिछले साल (2008-2009) के पुरस्कारों की घोषणा की थी. पहले यह समारोह 23 मार्च को श्रीराम सेंटर में होना था, लेकिन कुछ विवादों के चलते इसे ताल दिया गया था.
हालांकि आज दिल्ली सचिवालय का सभागार लोगों से भरा हुआ था, मगर इसके बावजूद आयोजकों के चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी. समारोह में मुख्यमंत्री ने को कहना पड़ा कि भविष्य में पुरस्कार वितरण समारोह और भव्य तरीक़े से आयोजित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने समारोह के दौरान यह भी ऐलान किया कि हिंदी अकादमी के पुरस्कार अखिल भारतीय होंगे. भविष्य में पुरस्कारों के चयन के लिए देशभर से लोगों का चयन किया जाएगा. इसी के साथ ही उन्होंने एक और घोषणा की कि 2008-2009 के पुरस्कारों की जो राशि 20 हज़ार रुपये निर्धारित है, उसे भी 50 हज़ार रुपये कर किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदी अकादमी ने अगर समारोह नहीं किया तो पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों का इसमें कोई कुसूर नहीं है. इसलिए एक ही पुरस्कार के लिए राशि में 30 हज़ार रुपये का अंतर ठीक बात नहीं है. उन्होंने समारोह में मौजूद सांस्कृतिक मंत्री प्रो.किरण वालिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह राशि भी कल ही सम्मानित लोगों को भेज दी जाए.
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री के अलावा वरिष्ठ साहित्यकार डा.जगन्नाथ प्रसाद दास, सांस्कृतिक मंत्री डा.किरण वालिया, हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर व सदस्य रमाकांत गोस्वामी ने पुरस्कार वितरित किए. इस मौके पर विधायक बरखा सिंह, वीर सिंह धिंगान, हिंदी अकादमी के सचिव प्रो.रवींद्र नाथ श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य लोग भी भी मौजूद थे.
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