चांदनी
नई दिल्ली. एथलीटों में हृदय संबंधी अचानक मौत कभी-कभार ही होती हैं, लेकिन इससे पूरे खेल में शोक छा जाता है। अधिकतर इसके शिकार होने वाले युवा और स्वस्थ व्यक्ति होते हैं, लेकिन कई में ऐसा भी होता है जो अपने हृदय संबंधी बीमारी की जांच ही नहीं करवाते।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बच्चों और किशोरों को एथलीट के प्रशिक्षण में भाग लेने से पहले चिकित्सा प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है। ज्यादातार एथलीटों में होने वाली मौत की वजह हृदय की धड़कन में मैलिगनैंट का अनियमित हो जाना होता है जैसे कि वैंट्रिकुलर टैकीकार्डिया और वैंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन। इसके घटित होने वाले तथ्यों के पीछे लम्बे समय तक शारीरिक प्रशिक्षण या अन्य गतिविधियां करना हो सकता है।
एथलीटों में जो 35 से कम उम्र के होते हैं, उनमें होने वाले मौत की वजह कोंजेनिटल हार्ट डिसीज होती है और जो 35 से अधिक साल के होते हैं, उनमें कोरोनरी आर्टरीज की ब्लॉकेज के कारण होते है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार हर स्कूल/कॉलेज में एक ऐसा डॉक्टर होना चाहिए जो विद्यार्थियों के इतिहास और परीक्षणों के जरिए आशंकित खतरों की पड़ताल कर सके ताकि आगे किसी भी तरह की कोई समस्या न हो। यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी ने भी सुझाव दिया है कि 12वीं तक वालों को चिकित्सा प्रमाण देने से पहले प्रतियोगियों की रीक्रिएशनल एथलीटिक एक्टिविटी के साथ ही ईसीजी करवानी चाहिए। 35 से अधिक उम्र के एथलीट के विशेषज्ञों की भी चिकित्सा प्रमाण पत्र देने से पहले अतिरिक्त व्यायाम की जांच की जानी चाहिए। इकोकार्डियोग्राफी के डायग्नाज से संभावित चिकित्सीय, ऐतिहासिक और शारीरिक जांच के जरिए हृदय संबंधी बीमारी के बारे में पता लगाया जा सकता है। एथलीट जिनको पेसमेकर लगा है उनको गति निर्धारक में नहीं शामिल होना चाहिए क्योंकि इससे हादसा हो सकता है।
एएचए द्वारा सुझाव गए 12 तत्व जिनके पाये जाने पर एथलीट प्रतिभागियों को हृदय संबंधी समस्या की जांच करवानी चाहिए।
1- सीने में दर्द या असहज महसूस होना
2- अपरिभाशित सिनकोप/नियर-सिनकोप
3- बहुत ज्यादा एक्सर्षनल और ऐसी थकावट जिसको बताया न जा सके और उसका संबंध व्यायाम करने से हो।
4- पहले से हृदय संबंधी समस्या की शिकायत (दिल में आवाज़-सा होना )
5- रक्तचाप में उतार-चढ़ाव
6- अपने सगे संबंधियों में 50 की उम्र से पहले हृदय सम्बंधी बीमारी से मौत (अचानक और अनपेक्षित या अन्य किसी वजह से)।
7- 50 की उम्र से पहले से पहले अपने सगे संबंधियों में से हृदय बीमारी की वजह से अपंगता।
8- परिवार के सदस्यों के बारे में हृदय संबंधी बीमारी के बारे में विशिष्ट जानकारी होना : हाइपरट्रॉफिक या डायलेटिक कार्डियोम्योपैथी, लांग क्यूटी सिंड्रोम या अन्य आयन चैनलोपैथीज, मार्फन सिंड्रोम, महत्वपूर्ण क्लीनिकल अरिथमियाज।
9- हृदय संबंधी शिकायत
10-एओर्टिक् कोआर्कटेशन के लिए फीमोरल पल्सेज एग्जामिनेशन
11- मार्फन सिंड्रोम के लिए फिजिकल फीचर्स
12- ब्रेकियल आर्टरी ब्लड प्रेशन (बैठने की स्थिति में दोनों भुजाओं का)