सरफ़राज़ ख़ान
नई दिल्ली.रीर में जटिल असर छोड़ने वाली कॉफी का संबंध निर्धारित समय के आधार पर इन्सुलिन और यूरिक एसिड स्तर को कम करने से है।
आर्थराइटिस रिसर्च सेंटर ऑफ कनाडा, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलम्बिया इन कनाडा, ब्रिघम एंड वीमेन्स हास्पिटल, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, बोस्टन के शोधकर्ताओं ने 40 से अधिक उम्र के बिना गाउट के इतिहास वाले 45,869 पुरुषों पर अध्ययन किया। 12 सालों तक किया गया यह अध्ययन आर्थराइटिस एंड रयूमैटिज्म के अंक में प्रकाशित  हुआ जिसमें दिखाया गया है कि पुरुशों में जो चार से इससे अधिक कप कॉफी रोजाना पीतें हैं उनमें अनोखे ढंग से गाउट में कमी होती है।
हार्ट केयर फाउंडेशन   ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल  के मुताबिक़
 
जिन पुरुषों ने रोजाना 4 से 5 कप कॉफी पी उनमें गाउट के खतरे में 40 फीसदी की कमी हुई और जिन्होंने 6 या इससे अधिक कप कॉफी ली उनमें 59 फीसदी की कमी दर्ज की गई बनिस्बत उनके जिन्होंने कभी भी कॉफी नहीं पी। बिना कैफीन की कॉफी लेने का संबंध थोड़ा सा उल्टा है।
 
गाउट को रोकने में बीवरेज के फायदे के साथ कॉफी में कैफीन के अलावा अन्य तत्व भी जिम्मेवार हो सकते हैं। कॉफी में पाया जाने वाला एक एन्टीऑक्सीडेंट फीनोल क्लोरोजेनिक एसिड हो सकता है। शो प्रत्यक्ष रूप से बगैर गाउट के इतिहास वालों 40 या इससे अधिक उम्र वाले पुरुषों जो गाउट से सबसे अधिक प्रभावित होते है पर आधारित है।

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

ईद मिलाद उन नबी की मुबारकबाद

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं