सरफ़राज़ ख़ान
नई
दिल्ली. समय
से पहले या
जल्द हार्ट अटैक
तब होता है
जब पुरुषों में यह 55
की उम्र से
पहले और महिलाओं
में 65 से पहले
होता है। प्रीमैच्योर
हार्ट डिसीज का
मतलब औसतन 53-54 साल की
उम्र से है।
हार्ट
केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया
के अध्यक्ष डॉ.
के के अग्रवाल के मुताबिक़ पारिवारिक इतिहास
तब मायने रखता
है जब उस
व्यक्ति से फस्ट
डिग्री का संबंध हो
जैसे कि पिता, माता,
भाई, बहन
जिनको जल्द या
प्रीमैच्योर
हार्ट अटैक हुआ
हो। एक-डिग्री
का संबंध हार्ट अटैक
के 55 से कम
उम्र में होने
का खतरा 33 फीसदी बढ़
जाता है,
दूसरे में होने
पर यह खतरा 50
फीसदी बढ़ जाता
है। पारिवारिक इतिहास
तब भी महत्वपूर्ण
हो जाता है
जब एक करीबी
रिश्तेदार में इस
बीमारी का खतरा
बढ़ जाए।
अगर
यह बीमारी आपके
परिवार के किसी
सदस्य को जल्द
या कम उम्र
में हो जाए
तो इससे आपमें
भी इसका खतरा
बढ़ सकता है।
जो बीमारियां परिवार
में एकसाथ होती
हैं, वह
अन्य सदस्यों में
भी खतरे को दर्शाती हैं, उदाहरण के
तौर पर मधुमेह
और दिल की
बीमारी। परिवार में
ऐसी बीमारियां जो
सामान्य रूप से
लिंग विषेश को
प्रभावित नहीं करती
हैं, आपमें
खतरे को बढ़ा
सकती हैं। उदाहरण
के तौर पर
स्तन कैंसर परिवार
में पुरुषों पर नहीं
होता।
कम
उम्र में हार्ट
अटैक
हालांकि
कोरोनरी हार्ट डिसीज
(सीएचडी)
40 से
अधिक उम्र के
मरीजों में होती
है, लेकिन
इससे कम उम्र
के पुरुष और महिलाएं
भी प्रभावित हो
सकती हैं। अधिकतर
अध्ययनों में इसकी
कट ऑफ 40 से 45 साल की
उम्र को ''यंग''
मरीज माना जाता
है जो सीएचडी
या एक्यूट हार्ट
अटैक से ग्रसित
होते हैं। एडवांस्ड कोरोनरी
ब्लॉकेज महज 2 फीसदी पुरुषों में
देखा गया है
जो 15 से 19 की उम्र
के बीच होते
हैं, जबकि 30 से 34 साल की
उम्र के पुरुष और
महिलाओं में यह
अनुपात क्रमश: 20 और 8 फीसदी है,
जबकि 40 फीसदी लेफ्ट
एंटीरियर डीसेंडिंग आर्टरी
में यह 19 और 8 फीसदी है।
फ्रमिंगघम
की एक हार्ट
स्टडी में जिस
पर हार्ट अटैक
के मामलों को 10 सालों तक
अपनाया गया,
इसमें 30 से 34 साल के पुरुषों में
प्रति 1000 पर
12.9 और 35
से 44 की उम्र
की महिलाओं में
प्रति 1000 महज 5.2 मामले दर्ज
किये गए। अध्ययन
में पाया गया
कि 55 से 64 साल की
उम्र के पुरुषों
में महिलाओं की
तुलना में आठ
से नौ गुना
ज्यादा खतरा हार्ट
अटैक का होता
है।
अध्ययन
में 4 से 10 फीसदी हार्ट
अटैक के मरीज 40
या 45 से कम
के उम्र के
थे। कुछ अध्ययनों
में दिल की
बीमारी के मरीज 40
से कम उम्र
के भी देखे
गए और इनमें
से महिलाओं की
तादाद 5 से 10 फीसदी रही।