कैसे दर्ज कराएं एफ़आईआर

Posted Star News Agency Sunday, October 06, 2013


सरफ़राज़ ख़ान
भारत में आम तौर पर कोई दुर्घटना होने पर लोग पुलिस में प्राथमिकी (एफ़आईआर) दर्ज कराते वक्त ड़रते हैं। ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं होता कि प्राथमिकी कैसे दर्ज करवाई जाए। याद रखें किसी दुर्घटना के होने पर एफ़आईआर दर्ज कराना हर नागरिक का कर्तव्य है।
-आप किसी भी पुलिस स्टेशन पर एफ़आईआर दर्ज करवा सकते हैं। पुलिस अधिकारी की यह डयूटी होती है कि वह दुर्घटना के निकटतम पुलिस स्टेशन पर प्राथमिकी भेजें।
-एफ़आईआर हमेशा लिखित में दर्ज करें। आख़िर में आपके हस्ताक्षर भी होने चाहिए।
-एफ़आईआर दर्ज करवाने के लिए चश्मदीद गवाह का होना ज़रूरी नहीं। दुर्घटना के बारे में जानने पर कोई भी एफ़आईआर दर्ज करवा सकता है।
- ज़रूरी नहीं कि आप अपराध करने वाले का नाम लिखवाएं। अगर आपको उसका नाम मालूम नहीं है तो उसका हुलिया ज़रूर बताएं, जिससे पुलिस को अपराधी को पकड़ने में सुविधा रहे।
-एफ़आईआर मे दुर्घटना का स्थान, तिथि और समय का लिखा जाना ज़रूरी है।
-दुर्घटना की जानकारी पूर्ण, लेकिन छोटी और आवश्यक होनी चाहिए। एफ़आईआर से पुलिस कार्यवाही शुरू करती है, इसलिए अनावश्यक बातें लिखवाकर उसे लंबा न करें।
-अनावश्यक बातें लिखवाने से हो सकता है कि अगर अदालत में पेशी कई वर्षों बाद हो तो आप बेकार की बातें भूल भी सकती हैं।
-एफ़आईआर दर्ज करवाने में समय की कोई समस्या नहीं है, लेकिन अपराध के बाद आप जितने जल्दी प्राथमिकी दर्ज करवाएं आपके लिए अच्छा है।
-किसी भी पुलिस अधिकारी के लिए एफ़आईआर लिखने से मना करना ग़ैरक़ानूनी है। ऐसी हालत में पुलिस अधीक्षक से शिकायत करनी चाहिए।
-आमतौर पर एफ़आईआर दर्ज करते समय पुलिस स्थानीय भाषा का इस्तेमाल करती है। अगर आप स्थानीय भाषा नहीं जानते हैं तो किसी अन्य व्यक्ति की मदद ले सकते हैं।
-एफ़आईआर पर तब तक हस्ताक्षर न करें जब तक कि आप उसमें लिखे तथ्यों को पढ़कर संतुष्ट न हो जाएं।
-एफ़आईआर की एक कॉपी अपने साथ रख सकती हैं। अगर आपके पास कॉपी न हो तो मुमकिन है कि आपकी शिकायत पर ध्या नही न दिया जाए और आप कुछ न कर सकें।
-दुर्घटना की जानकारी आप पुलिस को फ़ोन पर भी दे सकती हैं। ऐसे में पुलिस आपका नाम, आयु, पता एवं फ़ोन नं. की जानकारी अपने रिकॉर्ड के लिए ले लेती है।


फ़िरदौस ख़ान का फ़हम अल क़ुरआन पढ़ने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें

या हुसैन

या हुसैन

फ़िरदौस ख़ान की क़लम से

Star Web Media

सत्तार अहमद ख़ान

सत्तार अहमद ख़ान
संस्थापक- स्टार न्यूज़ एजेंसी

ई-अख़बार पढ़ें

ब्लॉग

  • सालगिरह - आज हमारी ईद है, क्योंकि आज उनकी सालगिरह है. और महबूब की सालगिरह से बढ़कर कोई त्यौहार नहीं होता. अगर वो न होते, तो हम भी कहां होते. उनके दम से ही हमारी ज़...
  • Thank Allah - When we are happy in our life, thank us Allah and celebrate. And when we are unhappy in our life, say thank us Allah and grow. Allah's mercy is greater t...
  • Life - Life is most difficult exam for everyone. Many people fail because they try to copy others. They not realizing that everyone has a different question pap...
  • میرے محبوب - بزرگروں سے سناہے کہ شاعروں کی بخشش نہیں ہوتی وجہ، وہ اپنے محبوب کو خدا بنا دیتے ہیں اور اسلام میں اللہ کے برابر کسی کو رکھنا شِرک یعنی ایسا گناہ مانا جات...
  • हमारा जन्मदिन - कल यानी 1 जून को हमारा जन्मदिन है. अम्मी बहुत याद आती हैं. वे सबसे पहले हमें मुबारकबाद दिया करती थीं. वे बहुत सी दुआएं देती थीं. उनकी दुआएं हमारे लिए किस...
  • 25 सूरह अल फ़ुरक़ान - सूरह अल फ़ुरक़ान मक्का में नाज़िल हुई और इसकी 77 आयतें हैं. *अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है*1. वह अल्लाह बड़ा ही बाबरकत है, जिसने हक़ ...
  • ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ - ਅੱਜ ਆਖਾਂ ਵਾਰਿਸ ਸ਼ਾਹ ਨੂੰ ਕਿਤੋਂ ਕਬੱਰਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬੋਲ ਤੇ ਅੱਜ ਕਿਤਾਬੇ-ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਕੋਈ ਅਗਲਾ ਵਰਕਾ ਫੋਲ ਇਕ ਰੋਈ ਸੀ ਧੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਤੂੰ ਲਿਖ ਲਿਖ ਮਾਰੇ ਵੈਨ ਅੱਜ ਲੱਖਾਂ ਧੀਆਂ ਰੋਂਦੀਆਂ ਤ...

एक झलक

Followers

Search

Subscribe via email

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

साभार

इसमें शामिल ज़्यादातर तस्वीरें गूगल से साभार ली गई हैं