स्टार न्यूज़ एजेंसी 
मिर्ज़ापुर (उत्तर प्रदेश).
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज आदिवासी बहुल इलाक़े मड़िहान में एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा कि 2004 में सरकार बनने के बाद जब हमें आदिवासियों ने बताया कि उनकी ज़मीनें उन्हें नहीं मिल रहीं, तो हमने ट्राइबल बिल को लागू किया, इसका फ़ायदा केरल, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में आदिवासियों को मिला, मगर उत्तर प्रदेश में नहीं मिला; क्योंकि लखनऊ में आदिवासी, आम आदमी, ग़रीब की सरकार नहीं है.
कलवारी खुर्द गांव के रामखेलावन सिंह पीजी कॉलेज मैदान में राहुल गांधी ने बड़ी संख्या में उन्हें सुनने आईं महिलाओं से विशेष रूप से कहा कि आप उत्तर प्रदेश को बदलिये, आपके बच्चे प्रदेश को बदलते हैं. आपमें शक्ति है, हम आपकी ख़ासतौर पर सुनेंगे. इसके बाद राहुल गांधी ख़त्म होने पर सीधे महिलाओं से मिलने जा पहुंचे और काफ़ी देर तक कई आदिवासी महिलाओं से उनकी समस्याओं के बारे में जाना तथा बात की.
राहुल गांधी ने कल पहले चरण में हुए भारी मतदान की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बदलाव आ रहा है. कल 60 फ़ीसदी वोट पड़े और जब चुनाव में 60-65 प्रतिशत वोट पड़ता है, तो बदलाव आता है.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों को झकझोरते हुए कहा कि अगर आपको विकास चाहिए, यूपी में बदलाव चाहिए तो कांग्रेस पार्टी को चुनिये, नहीं तो बीएसपी को, गुंडे व भ्रष्टाचारियों को अपना समर्थन दे दीजिये.
उन्होंने लोगों से कहा कि 2007 में आपमें गुस्सा था मुलायम सिंह जी की सरकार के ख़िलाफ़, आपने उन्हें कहा कि निकलो यहां से और मायावती जी की सरकार बनवा दी, जिन्होंने बड़े-बड़े घोटाले किए.  अब चुनाव के समय मुलायम और मायावती जी आपके पास आकर वादे कर रहे हैं. पिछले पांच सालों में किसी ने देखा है इन्हें. बुंदेलखंड में सूखा पड़ा, टप्पल में किसानों पर अत्याचार हुआ, तब ये कहां थे? अब मुलायम सिंह जी कहते हैं बिजली मुफ्त दे देंगे. कहां से देंगे? 22 सालों से एक भी कारख़ाना नहीं बना यहां. आसमान से बिजली टपकेगी क्या? ये लोग 22 सालों से सिर्फ़ वादा करते हैं और चले जाते हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने चुनाव के समय वादे नहीं किए, मदद की. बुनकर आए, हमने बुनकर पैकेज दिलाया. किसानों के विषय में उन्होंने कहा कि बैंकों ने किसानों के लिए दरवाज़े बंद कर रखे थे, क़र्ज़ नहीं देते थे, कहते थे, ‘जाओ आत्महत्या कर लो’, हमने किसानों का 60 हज़ार  करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ कराया और किसानों के लिए बैंकों के दरवाज़े एक बार फिर से खोले.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आपके पास आकर पूछा कि आप लोगों के लिए क्या किया जा सकता है? तो, आपने बताया कि जिस तरह से शहरों में लोगों के आसानी से रोज़गार मिल जाता है, ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोज़गार उपलब्ध होना चाहिए. इस तरह मनरेगा पैदा हुआ. इस पर जब जोरदार ताली बजी तो उन्होंने कहा कि सच में तो आपको ताली बजानी ही नहीं चाहिए. जिस प्रकार केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में लोगों को फ़ायदा वैसा फ़ायदा यहां के लोगों को नहीं हुआ. कारण साफ़ है कि लखनऊ में कांग्रेस पार्टी की सरकार नहीं है. मायावती जी कहती हैं कि मनरेगा से किसी को कोई फ़ायदा नहीं होगा.
इससे पहले राहुल गांधी ने बताया कि 2004 में जब चुनाव हुए तो एनडीए के लोग आपके घरों में नहीं आए, आपके पास नहीं बैठे. 5 सालों तक राज किया और उनके सबसे बड़े नेता ने दिल्ली, लखनऊ में एसी कमरों में बैठकर सोचा कि अगर टीवी कह रहा है तो हिन्दुस्तान चमक रहा होगा. बाक़ी पार्टियां कहती रहीं कि ये कर देंगे, वो कर देंगे, यह बदल देंगे, वह बदल देंगे, जबकि कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी, ग़रीब, मज़दूर, आदिवासियों की सरकार का एक वादा किया. हमने सबके लिए काम करने का वादा किया.
कांग्रेस महासचिव ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि इस बार युवा प्रत्याशी को जिताएं हम आपके पास आएंगे.  आपको दिखाई देंगे. बड़े-बड़े घरों में नहीं बैठे रहेंगे. 5 साल कांग्रेस पार्टी को दीजिये उत्तर प्रदेश बदलने के लिए.

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