स्टार न्यूज़ एजेंसी 
आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश). 
कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने ज़िले के नवाबगंज क्षेत्र में आज जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हमारे पास सिर्फ़ जनता का भरोसा ही है, बाक़ी कुछ नहीं. हम किसी के साथ गले नहीं मिले. मैं यहां किसी से समझौता करने नहीं आया हूं. चुनाव जीतने नहीं आया हूं. मैं उत्तर प्रदेश को बदलने आया हूं और जब तक उत्तर प्रदेश बदलेगा नहीं, मै यहां से हटने वाला नहीं हूं. आप लोग कांग्रेस पार्टी को चाहे 2 सीट दो, 200 सीट दो या फिर 400 सीट, मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता. जब तक उत्तर प्रदेश में लोगों को न्याय नहीं मिलेगा, अस्पताल दुरुस्त नहीं होंगे, स्कूल सही ढंग से नहीं चलेंगे, तब तक मैं यहां से हटूंगा नहीं.
राहुल गांधी ने कहा कि ये सारे काम दो मिनट में नहीं हो सकते, मेरे पास जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन ये काम असंभव भी नहीं है और इस काम को उत्तर प्रदेश के युवा पूरा करेंगे. आप और हम मिलकर उत्तर प्रदेश को बदलेंगे. इसके बाद बाक़ी प्रदेश भी देखेंगे कि उत्तर प्रदेश में ये क्या हो गया है?
राहुल गांधी ने बताया कि 2004 में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई. जिस वक्त चुनाव लड़ा जा रहा था, उस वक़्त हम आप लोगों के पास आए और सिर्फ़ एक ही वादा किया कि अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तो वह ग़रीब, पिछड़ों और आम आदमी की सरकार होगी और हम जो भी काम करेंगे, सब लोगों के लिए करेंगे.
उन्होंने कहा कि क्योंकि हम जानते हैं कि देश की असली शक्ति आप लोगों में है. हम आपसे 20-25 वादे नहीं कर सकते थे. सरकार बनने के बाद हम लोगों के बीच गए, उनसे बात की और पूछा कि आप लोगों के लिए क्या किया जा सकता है? आप लोगों ने हमें बताया कि गांव में भी शहरों की तरह ही रोज़गार मिलना चाहिए, ताकि गांव के लोगों को रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाकर भटकना नहीं पड़े. इसके लिए हमने मनरेगा क़ानून बनाया. यह सोच आम जनता की थी. इस योजना में हर काम करने वाले व्यक्ति को 120 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिनों तक कुल 12000 रुपए देने का प्रावधान किया गया. आपने हमें बताया, हमने किया.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आपके नेता चुनाव के वक़्त ही आपके पास आकर कहते हैं कि ये कर देंगे, वो कर देंगे, लेकिन करते कुछ भी नहीं. जो कुछ भी होता है, वह आप करते हो, क्योंकि उसमें आपकी शक्ति होती है, इसलिए नेताओं पर भरोसा नहीं होता. झूठे वादों से किसी का भरोसा नहीं किया जा सकता. अगर मैं अभी कहूं कि कल सुबह पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली होगी, तो ऐसा कहने भर से भरोसा नहीं होगा. भरोसा तब होगा, जब आपके नेता आपके पास आएं, आपसे बात करें, आपसे समस्याएं पूछें और उनका समाधान करें. अगर नेता चुनाव के वक्त आकर काम करने लगें तो वह काम सच्चा काम नहीं होता. सच्चा काम वो होता है, जो शुरुआत से ही किया जाए.
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा योजना लागू करने के बाद हम एक बार फिर लोगों के बीच आए और पूछा कि अब क्या करना है? आप लोगों ने ही हमें बताया कि किसान क़र्ज़ के साये में खौफ़ज़दा जीवन जी रहा है. इंदिरा जी ने सभी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन अब ज़रूरत पड़ने पर बैंक किसानों को क़र्ज़ नहीं दे रहें हैं, जबकि अमीरों को बैंक से आसनी से क़र्ज़ मिल जाता है, बैंक के दरवाज़े पूरी तरह से बंद पड़े हैं. हमने किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया और एक बार फिर से उनके लिए बैंकों के दरवाज़े खोले, लेकिन उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी ने कहा कि इससे किसी को फ़ायदा नहीं होगा, सब कांग्रेस पार्टी का नाटक है. क्या यह हज़ारों करोड़ रुपये का नाटक लगता है? उन्होंने लोगों से ही सवाल किया.
कांग्रेस महासचिव ने बसपा समेत तमाम विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि बुंदलेखंड में जब सूखा पड़ा तो वहां किसानों का हाल जानने और उनकी मदद करने के लिए न तो समाजवादी पार्टी के लोग गए और न ही बहुजन समाज पार्टी के लोग. सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी के लोग उनके बीच गए. वहां के ग़रीब लोगों ने आगे आकर बताया कि उनकी हालत बहुत नाज़ुक है और ऐसे में उनकी राज्य सरकार भी कोई मदद नहीं कर रही है. मैं उन्हें प्रधानमंत्री जी के पास ले गया और उनकी स्थिति के बारे में बताया. प्रधानमंत्री जी ने उसी वक़्त मेरा हाथ पकड़ कर कहा कि राहुल हम इनकी मदद करेंगे. दो मिनट भी नहीं लगे.
बुनकरों के बारे में राहुल गांधी ने कहा कि बुनकर हमारे पास आए और बताया कि उनके उद्योग बंद हो रहे है, मदद की सख्त ज़रूरत है. हमने उन्हें तुरंत राहत पैकेज दिलाया, लेकिन उन्होंने कहा कि यह पैसा सीधे उनके खातों में डाल दिया जाए तो मदद सही जगह तक पहुंचेगी, नहीं तो सारा पैसा लखनऊ में बैठा जादू का हाथी खा जाएगा. अब उनके राहत पैकेज का पैसा सीधे उनके खातों में जा रहा है. अगर हम उनके बीच गए नहीं होते, उनसे बात नहीं की होती तो हमें यह पता भी नहीं चलता.
आरक्षण के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 70 से ज़्यादा ज़िले हैं, लेकिन पूरे प्रदेश में मात्र एक ही अल्पसंख्यक डीएम है. हमने सच्चर आयोग की स्थापना की, आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के लोग पिछड़ गए हैं,  उन्हें सहायता देने की ज़रूरत  है. हमने उनके विकास के लिए करोड़ों रुपये भेजे, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रवृति भेजी, लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला.
राहुल गांधी ने कहा कि ‘‘हम आप लोगों के लिए करोड़-100 करोड़ नहीं, बल्कि हजारों करोड़ रुपए भेजते हैं और इतने रुपयों से पूरे प्रदेश का विकास किया जा सकता है, लेकिन यह पैसा आप लोगों को नहीं मिलता. पिछले 22 सालों से उत्तर प्रदेश की जनता को दबाकर रखा हुआ है. आप लोगों ने अपना हक़ मांगा तो नहीं मिला, इज़्ज़त मांगी, नहीं मिली, रोज़गार मांगा, वो भी नहीं मिला.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लोगों को मनरेगा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, बुंदेलखंड पैकेज, बुनकर पैकेज दिया और अब भोजन का अधिकार देने जा रहे हैं, जिसमें हर ग़रीब को 35 किलो अनाज देंगे, इससे पूरे हिदुस्तान में कोई भी भूखा नहीं रहेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि मुलायम सिंह जी पहले लोगों के पास नहीं गए और अब चुनाव सामने है तो कह रहे हैं कि बुंदेलखंड को इजराइल में बदल दूंगा. पहले यह काम क्यों नहीं किया? पहले वह ख़ुद लोगों के पास क्यों नहीं गए? जिस वक़्त बुंदेलखंड के लोग रो रहे थे, तब ये कहां थे? कहते हैं कि बिजली देंगे, पिछले 22 सालों में कोई कारख़ाना नहीं लगा उत्तर प्रदेश में, तो बिजली कहां से आएगी? आसमान से टपकेगी क्या?
आक्रोशित स्वर में राहुल गांधी ने कहा कि पहले मुलायम सिंह जी ने आरक्षण की बात नहीं की. जब कांग्रेस पार्टी ने आरक्षण की बात की और पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया, तो उस वक़्त भी कुछ नहीं बोले. जब हमने अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फ़ीसदी आरक्षण दे दिया तो कहते हैं कि कम दिया, मैं होता तो ज़्यादा देता. मुलायम जी तीन बार मुख्यमंत्री रहे, तब उन्होंने इस बारे में बात भी नहीं की. जब उस वक़्त  उन्हीं की पार्टी में रहे राशीद मसूद जी ने इस बारे में बात की तो उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया.
राहुल गांधी ने बताया कि 2009 में समाजवादी पार्टी के लोग हमारे पास समझौते का प्रस्ताव लेकर आए थे. उन्होंने हमसे कहा कि आप लोग 5 सीटों पर ही चुनाव लड़ो, बाक़ी हमारे लिए छोड़ दो. दोनों मिलकर बसपा का सफ़ाया कर देंगे, आप दिल्ली में सरकार चलाना और उत्तर प्रदेश को हमें चलाने दो. उस वक़्त हमने उनका यह प्रस्ताव ठुकरा कर कहा कि हम उत्तर प्रदेश की जनता के सिवाय किसी और से समझौता नहीं करेंगे. समाजवादी पार्टी के लोगों ने मुझसे कहा कि राहुल जी आप अभी राजनीति में बच्चे हो, तो हमने उनसे कहा कि हम इस बारे में चुनाव के नतीजों के बाद बात करेंगे. जब चुनाव के नतीजे आए, तो कांग्रेस पार्टी को सपा से ज़्यादा सीटें मिलीं. इसके बाद उन्हीं लोगों ने मुझे फोन करके कहा कि ग़लती हो गई.

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