स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. आर्थिक समीक्षा 2009-10 के अनुसार अल्पसंख्यक वर्गों के विकास के लिए वर्ष 2008-09 में 1000 करोड़ रुपये के आयोजना परिव्यय को बढ़ाकर 2009-10 में 1740 करोड़ रुपये कर दिया था। पूर्णतया अल्पसंख्यक वर्गों के लिए तीन छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू की गई हैं जिनके लिए वर्ष 2008-09 में कुल 305 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था, जबकि 2009-10 में यह 450 करोड़ रुपये है। विशेष रूप से कौशल विकास, रोजगार, स्वच्छता, आवास, पेय जल आदि के क्षेत्र में विकास की कमियों को दूर करने के लिए अल्पसंख्यकों की बहुलता वाले 90 जिलों में एक बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम 2008-09 से शुरू किया गया है जिसके लिए 990 करोड़ रूपए का प्रावधान 2009-10 में किया गया है।
शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े अल्पसंख्यक वर्गों में शिक्षा योजनाएं कार्यान्वित करने के लिए मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन के कार्यकलापों में विस्तार करने के लिए इनकी मूल निधि को जो वर्ष 2005-06 में 100 करोड़ रुपये थी. वर्ष 2009-10 में बढ़ाकर 425 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अल्पसंख्यक समुदायों के पिछड़े वर्गों में स्वरोजगार और अन्य आर्थिक उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम के ऋण और लघु वित्त संचालनों का विस्तार करने के लिए इसकी प्राधिकृत शेयर पूंजी वर्ष 2006-07 में 650 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2009-10 में 1000 करोड़ रुपये कर दी गई है। वर्ष 2009-10 के दौरान तीन नई योजनागत स्कीमें, नामत: 1. अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति, 2. राज्य वक्फ बोर्डों के रिकार्डों का कम्प्यूटरीकरण और 3. अल्पसंख्यक महिलाओं का नेतृत्व विकास, चलाई गई हैं।