संदीप माथुर
मथुरा (उत्तर प्रदेश). वैसे तो होली पूरे देश में मनाई जाती है, मगर बृज में पूरे सवा महीने रहती है होली की धूम. यहां की कपड़ा फाड़ होली की तो बात ही निराली है. भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम की जन्मस्थली का गोपियों ने कृष्ण के कपड़े फ़ाड़कर और उनका कोड़ा बना कर जमकर मार लगाई थी. इस होली को भाभी देवर की कपड़ा फाड़ होली भी कहा जाता है.

बसंत पंचमी के दिन से बांके बिहारी मंदिर से शुरू होने वाली की धूम बृज के अलग अलग हिस्सों अनोखे तरीकों से होने वाली ये होली कृष्ण के बड़े भाई बलदाउ जी की जन्मस्थली बल्देव में कपड़ा फाड़ होली के बाद बृज में रंग होली समाप्त हो जाती है. कहा जाता है कि पूरे बृज में कृष्ण और राधा की के बाद जब बलदाउ को पता चला कि कृष्ण ने बड़ी धूमधाम ले होली खेली है और इस होली में बलदाउ जी को नहीं बुलाया गया तो बलदाउ ने कृष्ण और राधा को गोप-गोपियों के साथ बलदेव में आकर हुरंगा खेलने का न्यौता दिया. इस न्यौते को पाकर कृष्ण और राधा अपने गोप-गोपियों के साथ बलदेव पहुंचे जहां कृष्ण और उनके सखाओं ने राधा और गोपियों पर जमकर टेसू के फूलों का रंग डाला और बलदाउ जी के इशारे पर कृष्ण की भाभी ने कृष्ण के कपड़े फाड़कर और उसका कोड़ा बनाकर कृष्ण और उनके सखाओं की जमकर पिटाई की. यही वजह है कि इस होली को भाभी देवर की कपड़ा फाड़ होली भी कहा जाता है. तब से लेकर आज तक बलदेव में इस होली का आयोजन किया जाता है. इस होली को देखने और खेलने के लिए यहां का ही नही बल्कि देश विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं.

बृज की होली के आकर्षक नज़ारे...








छाया : संदीप माथुर


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